
पौड़ी कोतवाली क्षेत्र में युवक जितेंद्र कुमार की आत्महत्या ने पूरे जिले में शोक और चिंता फैलाई है। घटना की जानकारी मिलते ही पौड़ी जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया और एसएसपी लोकेश्वर सिंह मृतक के परिजनों से मिले और उन्हें मामले में अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी दी। अधिकारियों ने परिवार को आश्वासन दिया कि न्याय के लिए सभी कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी फोन पर परिजनों से बातचीत कर गहरा दुःख व्यक्त किया और दिवंगत की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले की निष्पक्ष और गहन जांच सुनिश्चित की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कानून के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पुलिस को इस मामले में तत्पर और पूरी गंभीरता से जांच करने के निर्देश भी दिए।
याद रहे कि जितेंद्र कुमार ने आत्महत्या से पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उसने कुछ व्यक्तियों पर ठगी और रुपये हड़पने का आरोप लगाया था। इस वीडियो ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस को तत्काल सक्रिय किया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी हिमांशु चमोली सहित कुल पांच लोगों को देहरादून से गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
पुलिस और प्रशासन ने बताया कि मामले की जांच में प्रत्येक पहलू की समीक्षा की जा रही है। सोशल मीडिया में वायरल वीडियो, पीड़ित के आरोप और अन्य साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की गई है। पुलिस ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच के बाद दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।
स्थानीय लोगों ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और कहा कि इस तरह की घटनाओं से समाज में चिंता और डर की भावना फैलती है। प्रशासन ने भी जनता से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
जिलाधिकारी और पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि पीड़ित परिवार को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी और मामले की जांच पूरी पारदर्शिता के साथ होगी। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार, पुलिस को घटना की सभी पहलुओं पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। यह घटना पौड़ी जिले में मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक दबाव और ठगी जैसी चुनौतियों पर भी प्रश्न खड़ा करती है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में निडर होकर मदद लें और किसी भी प्रकार के अवैध दबाव या ठगी की सूचना पुलिस को तुरंत दें। कुल मिलाकर, इस मामले में प्रशासन की तत्परता और मुख्यमंत्री की संवेदनशील प्रतिक्रिया ने परिजनों को आंशिक रूप से संतोष दिया है, जबकि पुलिस की सक्रियता से दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया तेज हुई है।