हिमालय में सबसे ऊंचाई और चंद्रशिला की तलहटी में विराजमान तृतीय केदार तुंगनाथ धाम में श्रद्धालुओं के आंकड़े ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अभी तक तुंगनाथ धाम में 1 लाख 46 हजार से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। कपाट बंद होने तक श्रद्धालुओं का आंकड़ा दो लाख के पार पहुंचने की संभावना बनी हुई है। जबकि, बीते साल श्रद्धालुओं का आंकड़ा ग्रीष्म काल के 6 महीने में करीब 1 लाख 32 हजार तक सिमट गया था।
इन दिनों तुंगनाथ धाम में रोजाना 2200 से लेकर 2500 तक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। बीते साल की तुलना इस बार तुंगनाथ धाम समेत तुंगनाथ घाटी में ज्यादा श्रद्धालुओं, पर्यटकों और सैलानियों के पहुंचने से तुंगनाथ घाटी के तीर्थाटन व पर्यटन व्यवसाय में खासा इजाफा हुआ है। जिससे मंदिर समिति की आय में भी वृद्धि हुई है। बीती 31 जुलाई को केदारनाथ यात्रा पड़ावों पर आई दैवीय आपदा के कारण यदि केदारनाथ यात्रा कुछ दिनों के लिए प्रभावित नहीं होती तो तुंगनाथ में श्रद्धालुओं का आकड़ा 2 लाख के पार पहुंच जाता।
तुंगनाथ धाम के प्रबंधक बलवीर नेगी के मुताबिक, तुंगनाथ धाम में अभी तक 1 लाख 46 हजार 541 श्रद्धालु पूजा-अर्चना के साथ जलाभिषेक कर चुके हैं। जिसमें 87 हजार 518 पुरुष, 43 हजार 327 महिलाएं, 14 हजार 199 बच्चे, 1,083 साधु संन्यासी और 424 विदेशी सैलानी शामिल हैं। जिन्होंने तुंगनाथ धाम पहुंच कर पुण्य अर्जित किया।
बता दें कि इस साल 10 मई को भगवान तुंगनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए थे। कपाट खुलने के बाद ही रोजाना हजारों श्रद्धालु तुंगनाथ धाम पहुंचने लगे। तुंगनाथ धाम के प्रबंधक बलवीर नेगी ने बताया कि जो कि 30 जुलाई तक जारी रही, लेकिन 31 जुलाई को केदारनाथ धाम की यात्रा प्रभावित होने के कारण तुंगनाथ धाम की यात्रा भी असर देखने को मिला।
प्रबंधक बलवीर नेगी ने बताया कि तुंगनाथ में इन दिनों मौसम खुशनुमा बना हुआ है। इसलिए रोजाना हजारों तीर्थ यात्री तुंगनाथ धाम में पूजा-अर्चना के बाद यहां की खूबसूरती से भी रूबरू हो रहें हैं। उन्होंने बताया कि तुंगनाथ धाम के कपाट आगामी 4 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने तक श्रद्धालुओं का आंकड़ा 2 लाख के आसपास पहुंचने की संभावना बनी हुई है।