रुद्रपुर में नर्स से दरिंदगी मामले की सीबीआई जांच के बढ़ते दवाब के बीच एसएसपी ने 20 सदस्यीय एसआईटी का गठन कर दिया है। एसआईटी परिजनों की ओर से उठाए गए संदेह के बिंदुओं के साथ ही तकनीकी साक्ष्य संकलित करेगी। इसके साथ ही घटना में दूसरे लोगों की संलिप्तता को भी विवेचना के दायरे में लेगी।
बिलासपुर के डिबडिबा स्थित वसुंधरा कालोनी निवासी निजी अस्पताल की नर्स का शव सड़ी गली हालत में आठ अगस्त को यूपी सीमा पर बरामद हुआ था। पुलिस ने 14 अगस्त को मामले का खुलासा करते हुए धर्मेंद्र कुमार निवासी ग्राम तुरसा पट्टी थाना साही बरेली को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस का दावा था कि धर्मेंद्र लूट के इरादे से अकेली जा रही नर्स को सड़क से खींचकर एक प्लाट में ले गया था और वहां दुष्कर्म के बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी। अभियुक्त मृतका का मोबाइल, पर्स और तीन हजार रुपये लूटकर फरार हो गया था। पुलिस ने मृतका का मोबाइल और अन्य सामान बरामद नहीं किया है।
इधर पुलिस के खुलासे पर परिजन लगातार सवाल उठा रहे हैं और इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। इस मांग को लेकर रुद्रपुर सहित कईं जगहों पर धरना प्रदर्शन हो रहे हैं। सीबीआई जांच की मांग को लेकर हो रहे आंदोलन से पुलिस पर लगातार दवाब बढ़ रहा है। इधर एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने इस मामले की विवेचना के लिए 20 सदस्यीय एसआईटी गठित की है। उन्होंने बताया कि एसपी क्राइम आईपीएस चंद्रशेखर आर घोड़के पर्यवेक्षण और एसपी सिटी मनोज कत्याल की अगुवाई में एसआईटी विवचेना करेगी। एसआईटी को घटना के सभी पहलुओं पर गहन विवेचना तथा घटना की हाई क्वालिटी फॉरेंसिक जांच के निर्देश दिए गए हैं। एसपी क्राइम एसआईटी की कार्रवाई की रोजाना समीक्षा करेंगे।
बताया कि परिजनों की ओर से कुछ बिंदुओं पर संदेह जताया जा रहा है और विवेचना में बिंदुओं को शामिल किया गया है। टीम बेहतर तकनीकी साक्ष्य संकलित करेगी और अन्य लोगों की लिप्तता की दिशा में ही कार्य करेगी। मृतका के कार्यस्थल को भी विवेचना में शामिल किया जाएगा। अभियुक्त को फांसी की सजा दिलाने के लिए एसआईटी मजबूत साक्ष्य जुटाएगी।