बागेश्वर: जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज तोमर की अदालत ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फौजदारी अपील पर सुनवाई करते हुए इंडियन बैंक बागेश्वर के पूर्व शाखा प्रबंधक सुमित चौहान की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा 21 मार्च 2025 को पारित फैसले को सही ठहराया….जिसमें आरोपी को धारा 409 भादंवि के तहत एक वर्ष के साधारण कारावास व 10,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई थी।
जानकारी के अनुसार शाखा प्रबंधक रहते हुए सुमित चौहान ने सरकारी विभागों के विभिन्न खातों में जमा 50,37,068 रुपये की राशि को अपने नियंत्रण वाले फर्जी खातों में ट्रांसफर कर गबन कर लिया था। 2021 में विभागीय जांच के दौरान घोटाले का भंडाफोड़ हुआ, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों की रिपोर्ट पर बैंक प्रबंधन ने आरोपी के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी।
सत्र न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों, दस्तावेजों और गवाहों के बयानों को विश्वसनीय मानते हुए कहा कि आरोपी द्वारा किया गया आर्थिक अपराध गंभीर प्रकृति का है और समाज पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। अदालत ने यह भी माना कि निचली अदालत का निर्णय पूर्णत न्यायसंगत है और इसमें किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। जमानत याचिका को आधारहीन बताते हुए अदालत ने खारिज कर दिया। सुनवाई के दौरान जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) गोविंद बल्लभ उपाध्याय और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चंचल सिंह पपोला ने सभी साक्ष्य विस्तार से पेश किए। अंत में न्यायालय ने आदेश जारी करते हुए आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार अल्मोड़ा भेजने के निर्देश दिए।
