देहरादून के करनदीप सिंह राणा पिछले 18 दिनों से लापता हैं। 20 सितंबर को वे सिंगापुर से चीन जा रहे मर्चेंट नेवी के जहाज एमटी फ्रंट प्रिंसेस से रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गए। अब तक उनका कोई सुराग नहीं मिल सका है, जिससे परिवार गहरे सदमे में है। जांच अब चीन में शुरू हो गई है और इसमें करनदीप के दो परिजन भी शामिल किए जाएंगे।
जानकारी के अनुसार, करनदीप सिंह मर्चेंट नेवी में सीनियर डेक कैडेट के पद पर कार्यरत थे। 18 अगस्त को वे सिंगापुर से जहाज पर सवार हुए थे। यह जहाज ईराक से होते हुए चीन की ओर जा रहा था, लेकिन 20 सितंबर की रात करनदीप अचानक लापता हो गए। डीजी शिपिंग ने 20 सितंबर की रात करीब 9:30 बजे परिवार को इस घटना की जानकारी दी। बताया गया कि वह श्रीलंका और सिंगापुर के बीच जहाज से गायब हुए थे।
घटना के बाद चार दिन तक समुद्र और जहाज पर उनकी तलाश की गई, मगर सफलता नहीं मिली। अब जब जहाज चीन पहुंच गया है, तो वहीं विस्तृत जांच शुरू हुई है। परिवार के दो सदस्यों को इस जांच में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए बुधवार को ही दोनों के पासपोर्ट तैयार कराए गए। बताया जा रहा है कि पहले दिन जांच अधिकारियों ने जहाज के कप्तान, चीफ ऑफिसर और अन्य चार क्रू मेंबर्स से पूछताछ की।
जांच में यह भी सामने आया कि करनदीप को आखिरी बार जहाज के चीफ कुक ने देखा था। बताया गया कि वह रात में फोटो खींचने के लिए डेक पर गए थे। उसी स्थान से उनका एक जूता और कैमरा बरामद हुआ है। हालांकि, परिवार को इसका कोई आधिकारिक प्रमाण अब तक नहीं दिखाया गया।
करनदीप की बहन सिमरन राणा ने बताया कि उनका भाई बेहद अनुशासित और मेहनती था। उसने अप्रैल में देहरादून आकर थर्ड ऑफिसर बनने की तैयारी का वादा किया था। उन्होंने बताया कि घटना के बाद से परिवार लगातार डीजी शिपिंग और सरकार से संपर्क में है, लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिला।
करनदीप के पिता नरेंद्र सिंह राणा मूल रूप से रुद्रप्रयाग के रहने वाले हैं और कई वर्षों से पटेलनगर, देहरादून में रहते हैं। परिवार की मांग है कि इस मामले की पारदर्शी जांच हो और करनदीप का जल्द से जल्द पता लगाया जाए।
