सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट शुक्रवार को शीतकाल के लिए विधिवत रूप से बंद कर दिए जाएंगे। हेमकुंड साहिब ट्रस्ट की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कपाट बंद होने से पहले सुबह सुखमणी साहिब का पाठ और अंतिम अरदास आयोजित की जाएगी। इसके बाद दोपहर एक बजे गुरुद्वारे के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसी तरह लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर बंद किए जाएंगे।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु कपाट बंद होने की प्रक्रिया के साक्षी बनने के लिए घांघरिया और हेमकुंड पहुंच चुके हैं। पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में लगातार बर्फबारी हो रही है, जिससे हेमकुंड घाटी पूरी तरह बर्फ की चादर में ढक चुकी है। इस वजह से श्रद्धालुओं को यात्रा में कठिनाइयां भी झेलनी पड़ीं, लेकिन अंतिम दर्शन के प्रति श्रद्धा ने सब कठिनाइयों को पीछे छोड़ दिया।
हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि सुबह 10 बजे सुखमणी साहिब का पाठ होगा, जिसके बाद कीर्तन आरंभ होगा। इसके उपरांत दोपहर तक कपाट बंद करने की विधि पूरी की जाएगी। गुरुग्रंथ साहिब को सचखंड में सुशोभित किया जाएगा और फिर दोपहर एक बजे कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे।
लोकपाल लक्ष्मण मंदिर, जो हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के साथ ही परिसर में स्थित है, के कपाट भी लगभग उसी समय बंद किए जाएंगे। बर्फबारी के कारण यात्रा मार्ग पर ठंड और फिसलन बढ़ गई है, इसलिए प्रशासन ने श्रद्धालुओं को सुरक्षित लौटने की सलाह दी है।
इस वर्ष हेमकुंड साहिब यात्रा 25 मई को प्रारंभ हुई थी और कुल 139 दिनों तक चली। इस दौरान लगभग दो लाख 72 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। यात्रा के सफल समापन के बाद अब क्षेत्र शीतकालीन विश्राम में चला जाएगा। अगले वर्ष बर्फ पिघलने और मौसम सामान्य होने के बाद कपाट पुनः खोले जाएंगे।
