
हरिद्वार में कांवड़ मेला अब अपने चरम पर पहुंच चुका है। जहां बीते दिनों पैदल कांवड़ यात्रियों की भीड़ से धर्मनगरी गुंजायमान थी, वहीं अब डाक कांवड़ियों का विशाल सैलाब हरिद्वार की ओर बढ़ रहा है। शुक्रवार से डाक कांवड़ियों का आवागमन शुरू हो गया है, जो आगामी पांच दिनों तक लगातार जारी रहेगा।
कनखल क्षेत्र स्थित बैरागी कैंप अब पूरी तरह डाक कांवड़ यात्रियों के हवाले हो चुका है। यहां डाक कांवड़ियों के वाहनों को एकत्र किया जा रहा है, जहां से इन्हें सिंहद्वार के माध्यम से रवाना किया जाएगा। इस दौरान हरिद्वार की सड़कों, घाटों और गलियों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ेगी।
आंकड़ों की मानें तो 10 जुलाई से लेकर अब तक एक करोड़ 16 लाख 90 हजार कांवड़ यात्री हरिद्वार पहुंचकर गंगाजल भरकर अपने गंतव्यों की ओर लौट चुके हैं। इनमें हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान से आए श्रद्धालु सबसे अधिक संख्या में शामिल हैं।
इस बार कांवड़ यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बीते वर्ष जहां पांच दिनों में केवल 49 लाख 40 हजार कांवड़िए पहुंचे थे, वहीं इस बार यह आंकड़ा दोगुना से अधिक हो गया है। डाक कांवड़ यात्रा में श्रद्धालु बाइक, कार, ट्रक और अन्य वाहनों के माध्यम से गंगाजल लेने आते हैं और बेहद तेज़ी से वापस लौटते हैं। इसे कांवड़ यात्रा का सबसे व्यस्त और चुनौतीपूर्ण चरण माना जाता है। प्रशासन ने इस बढ़ते दबाव को देखते हुए विशेष ट्रैफिक प्लान, मेडिकल टीमों और सुरक्षा बलों की तैनाती की है।
बता दें कि कुंभ, अर्द्धकुंभ और अन्य बड़े स्नान पर्वों की तरह, कांवड़ मेले में भी बैरागी कैंप का उपयोग प्रमुख रूप से डाक कांवड़ियों के ठहराव और संचालन के लिए किया जाता है। 22 जुलाई तक डाक कांवड़ियों का यह सिलसिला अपने चरम पर रहेगा, जिससे हरिद्वार एक बार फिर श्रद्धा, सेवा और समर्पण का अद्भुत केंद्र बन गया है।