
हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह हुई भगदड़ की त्रासदी ने पूरे देश को झकझोर दिया है। हादसे में अब तक आठ श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य घायल हैं। यह हादसा उस समय हुआ जब सुबह नौ बजे के करीब मंदिर की ओर चढ़ाई कर रहे श्रद्धालुओं के बीच करंट फैलने की अफवाह फैल गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई। भीड़ बेकाबू हो गई और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। चीख-पुकार के बीच कई श्रद्धालु दब गए।
सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। हादसे के बाद से ही सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में प्रतिक्रिया की बाढ़ आ गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर घटना पर गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है और वे लगातार स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं। उन्होंने माता रानी से सभी श्रद्धालुओं की कुशलता की प्रार्थना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा कि “हरिद्वार में हुई भगदड़ से अत्यंत व्यथित हूं। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।” उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि प्रशासन हर संभव मदद कर रहा है।
वहीं, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इसे व्यवस्थागत विफलता बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “यह केवल हादसा नहीं, सिस्टम की असफलता है।” उन्होंने पूछा कि हर साल सावन के दौरान लाखों श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचते हैं, फिर भी सुरक्षा व्यवस्था बार-बार विफल क्यों होती है? आप पार्टी ने इस घटना की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी घटना पर शोक जताया और इसे चिंता का विषय बताया। उन्होंने कहा कि भविष्य में तीर्थ यात्राओं के लिए बेहतर योजना और भीड़ प्रबंधन की जरूरत है।
यह घटना न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि शासन और प्रशासन के लिए भी एक चेतावनी है कि धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए