जब से आईएसएस अधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने हरिद्वार जिलाधिकारी के तौर पर कमान संभाली है, तभी वे एक्शन में नजर आ रहे हैं। हरिद्वार जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह लगातार सरकारी दफ्तरों का औचक निरीक्षण कर लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई करने में लगे हुए हैं। इसी क्रम में बुधवार 11 दिसंबर को हरिद्वार जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने विभिन्न कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कई अधिकारी अपने कार्यालय से नदारद पाए गए।
बुधवार को हरिद्वार जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने सबसे पहले सुबह करीब 10.10 बजे सिंचाई विभाग कार्यालय में छापा मारा। इस दौरान सिंचाई अभियंता समेत करीब 13 कर्मचारी गैरहाजिर पाए गए। सिंचाई विभाग के बाद जिलाधिकारी करीब 10.20 बजे जल संस्थान कार्यालय में पहुंचे। यहां भी तीन सहायक अभियंता और 06 अपर सहायक अभियंता सहित 10 कर्मचारी गायब थे। इसके अलावा आउटसोर्स से तैनात चार कर्मचारी भी अनुपस्थित पाए गए।
वहीं जिलाधिकारी ने जब जल संस्थान के फील्ड कर्मचारियों से सम्बंधित भ्रमण पंजिका मांगी तो वो भी नहीं दिखाई गई। जिलाधिकारी ने कार्यालय के बाहर पुरानी फाइलों का रख-रखाव सही ढंग से न होने, फाइलों पर धूल जमा होने, शौचालयों और कार्यालय की सफाई व्यवस्था सहीं न पाये जाने पर वहां मौजूद अधिकारियों व कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाई।
जल संस्थान के बाद 10.30 बजे जिलाधिकारी ने ऋषिकुल विद्यापीठ ब्रह्मचर्याश्रम संस्कृत विद्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान एक सहायक अध्यापक अनुपस्थित मिला। वहीं ऋषिकुल विद्यापीठ ब्रह्मचर्याश्रम संस्कृत महाविद्यालय में चार सहायक अध्यापक अनुपस्थित पाए गये। निरीक्षण के दौरान कार्यालय में गंदगी मिलने और सफाई व्यवस्था ठीक न होने पर जिलाधिकारी ने कड़ी फटकार लगाते हुए व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कार्यालय परिसर में नियमित रूप से साफ सफाई रखने और सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी दिन पुनः निरीक्षण किया जा सकता है। जिलाधिकारी ने जनपद में तैनात सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आदेश दिये कि कोई भी अधिकारी व कर्मचारी अवकाश स्वीकृत कराये बिना कार्यालय से अनुपस्थित नहीं रहेगा। जनता के कार्यालय पहुंचने से पहले अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्धारित समय पर कार्यालय पहुंचना होगा। जिलाधिकारी ने बताया कि समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों की कार्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित किये जाने हेतु भविष्य में भी समय-समय पर औचक निरीक्षण किये जाएंगे।