
हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में रविवार को हुई भगदड़ की घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया, लेकिन इसके बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं दिख रही है। हादसे के अगले दिन सोमवार को भी मंदिर में माता के दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ी। खास बात यह रही कि रोपवे सेवा से ज्यादा भीड़ पैदल मार्ग पर नजर आई।
हादसे के बाद पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। मंदिर मार्ग पर जगह-जगह पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और श्रद्धालुओं की कतारों को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। भीड़ को बैरिकेडिंग के माध्यम से धीरे-धीरे आगे बढ़ाया जा रहा है ताकि दोबारा कोई अप्रिय घटना न हो।
गौरतलब है कि रविवार की सुबह करीब नौ बजे मंदिर के पैदल मार्ग पर भगदड़ मच गई थी। इस हादसे में एक 12 साल के बालक सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 30 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए थे। हादसे के पीछे ज्यादा भीड़ और अफवाहों को जिम्मेदार माना जा रहा है।
फरीदाबाद से आईं गायत्री ने बताया कि वह मंदिर के काफी नजदीक थीं जब “करंट फैलने” की अफवाह फैली। इसके बाद सीढ़ियों पर धक्का-मुक्की शुरू हो गई और हालात बेकाबू हो गए। गायत्री को सीधे अस्पताल में होश आया। वहीं दिल्ली के कुलदीप ने इस मंजर को जिंदगी का सबसे डरावना अनुभव बताया। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संयम बनाए रखें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। घटना के बाद सरकार ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और भविष्य में ऐसे हादसों से बचाव के लिए स्थायी सुरक्षा उपाय लागू करने की बात कही है। इस हादसे ने एक बार फिर भीड़ प्रबंधन और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।