
धर्मनगरी हरिद्वार में बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की आस्था चरम पर रही। दूर-दूर से आए हजारों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और विधिपूर्वक पूजन कर पुण्य अर्जित किया। हरकी पैड़ी पर सुबह से ही भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी।
मान्यता है कि बुद्ध पूर्णिमा का दिन अत्यंत शुभ और पवित्र होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण तीनों घटनाएं घटित हुई थीं। साथ ही यह दिन भगवान विष्णु के नवम अवतार बुद्धावतार के रूप में भी मनाया जाता है। पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया कि बुद्ध पूर्णिमा को विनायक व्रत का भी विशेष महत्व है। यही नहीं, पुराणों में उल्लेख है कि आज ही के दिन भगवान कृष्ण ने सुदामा को विनायक उपवास का महत्व बताया था और भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार धारण कर भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी।
हरिद्वार में गंगा स्नान को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस प्रशासन ने घाटों पर अतिरिक्त बल तैनात किया है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। घाटों पर एनाउंसमेंट सिस्टम और निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति से संपूर्ण हरिद्वार में अध्यात्मिक वातावरण बना हुआ है। गंगा के पावन जल में स्नान कर श्रद्धालु जीवन को पवित्र मानते हुए पुण्य संचय कर रहे हैं। बुद्ध पूर्णिमा के इस पर्व पर हरिद्वार एक बार फिर धर्म, श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक बन गया।