वन एवं वन्यजीवों के लिए सबसे बड़ा खतरा है जंगल की आग। जंगल की आग कार्बन स्टाक और कार्बन सोखने की क्षमता बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी हतोत्साहित करती है। आग पर काबू पाने के लिए केंद्र से लेकर राज्य और बीट स्तर तक तमाम प्रयास किए जाते हैं, लेकिन इसके बाद भी वनों को आग से बचाने की दिशा में अभी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।
भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआइ) की 2023 की रिपोर्ट पर गौर करें तो देश में सबसे अधिक उत्तराखंड के जंगल आग की चपेट में आए हैं। एफएसआइ की रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर 2023 से जून 2024 के बीच देश में वनों में दो लाख से अधिक घटनाएं प्रकाश में आई हैं। जिसमें सर्वाधिक 21 हजार से अधिक घटनाएं उत्तराखंड में रिकार्ड की गई हैं।
राज्य में वनों में आग की 5351 घटनाएं सामने आई
नवंबर 2022 से जून 2023 के बीच राज्य में वनों में आग की 5351 घटनाएं सामने आई थीं। इस लिहाज से देश में उत्तराखंड का 13वां स्थान था, जबकि अब आग की सर्वाधिक घटनाओं के बाद यह स्थान पहला हो गया है। इसी तरह ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश भी सर्वाधिक वनाग्नि वाले राज्यों में शामिल हैं। जिनकी रैंक क्रमशः दूसरी से आठवीं तक है। हालांकि, देशभर में जंगल की आग की घटनाओं की बात की जाए तो बीते दो वर्षों के मुकाबले कमी पाई गई हैं।
फिर भी चौंकाने वाली बात यह है कि वर्ष 2021-22 से 2023-24 के बीच आग की कुल घटनाएं 30 हजार के आसपास सिमटी रहीं और इसके बाद यह आंकड़ा कभी भी दो लाख से नीचे नहीं पाया गया। इसके पीछे के यह कारण भी बताए जा रहे हैं कि अब उन्नत तकनीक और व्यापक नेटवर्क से आग की छोटी बड़ी घटनाओं को रिकार्ड में लाना आसान हुआ है।
21 राज्यों में बीट स्तर पर फायर अलर्ट
भारतीय वन सर्वेक्षण के अनुसार, 36 में से 21 राज्यों में जंगल की आग का अलर्ट (फायर अलर्ट) 21 राज्यों में बीट स्तर पर किया जा रहा है। एक राज्य में यह नेटवर्क ब्लाक स्तर, तीन राज्यों में रेंज स्तर और 11 राज्यों में अभी जिला स्तर पर अलर्ट दिया जा रहा है।
इन राज्यों में आग की सर्वाधिक घटनाएं
- राज्य, घटनाएं, स्थान
- उत्तराखंड, 21033, 01
- ओडिशा, 20973, 02
- छत्तीसगढ़, 18950, 03
- आंध्र प्रदेश, 18174, 04
- महाराष्ट्र, 16008, 05
- मध्य प्रदेश, 15878, 06
- तेलंगाना, 13479, 07
- हिमाचल प्रदेश, 10136, 08
- असम, 7639, 09
- झारखंड, 7525, 10