देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नशा मुक्त भारत अभियान के पांच वर्ष पूरे होने के अवसर पर देहरादून स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में युवाओं से अपील की कि वे स्वयं नशे को पूरी मजबूती के साथ “ना” कहें और अपने साथियों को भी नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा केवल एक बुरी आदत नहीं है…बल्कि समाज को भीतर से खोखला करने वाली चुनौती है। यह व्यक्ति की चेतना, विवेक और निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित कर उसके भविष्य को विनाश की ओर ले जाती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में नशा मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की और राज्य सरकार भी “ड्रग्स फ्री उत्तराखंड” के संकल्प को साकार करने के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है।
त्रिस्तरीय एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने पिछले तीन वर्षों में 6,000 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया और 200 करोड़ रुपए से अधिक के नारकोटिक पदार्थ बरामद किए हैं। राज्य में चार इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर फॉर एडिक्ट्स (IRCA) और AIIMS ऋषिकेश की सहायता से एडिक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी (ATF) संचालित हैं, जो नशा पीड़ितों को उपचार, परामर्श और पुनर्वास की बेहतर सुविधाएँ प्रदान कर रहे हैं।
युवाओं को नशा विरोधी संदेशों से सुसज्जित ‘ऐपण’ पेंटिंग्स और ‘दगड़िया क्लब’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से नशे से दूर रहने और सकारात्मक ऊर्जा का सही इस्तेमाल करने की प्रेरणा दी जा रही है। कार्यक्रम के अंत में युवाओं ने नशा मुक्त भारत अभियान की शपथ ली और स्कूल-कॉलेजों में आयोजित भाषण एवं निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया।
