
देहरादून एयरपोर्ट पर यात्रियों की क्षमता 40 लाख प्रतिवर्ष होने पर भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (ऐरा) ने देहरादून एयरपोर्ट को बड़ा एयरपोर्ट घोषित कर दिया है। जिसके बाद अब देहरादून एयरपोर्ट का मुकाबला अंतरराष्ट्रीय स्तर के एयरपोर्ट से होगा।
बड़े एयरपोर्ट का दर्जा मिलने के बाद देहरादून एयरपोर्ट के नाम एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज हो गई है। यह एयरपोर्ट देश विदेश के चुनिंदा एयरपोर्ट के ग्रुप में शामिल हो गया है। जिससे दून एयरपोर्ट की जिम्मेदारियां और चुनौतियां बढ़ गई हैं। एयरपोर्ट अधिकारियों और कर्मियों की कड़ी मेहनत के कारण ऐरा ने देहरादून को बड़े एयरपोर्ट में शामिल किया है। जिस कारण अब इस एयरपोर्ट पर ग्राहक संतुष्टि सर्वेक्षण (सीएसआई) के स्थान पर एयरपोर्ट सर्विस क्वालिटी (एएसक्यू) सर्वेक्षण किया जाएगा।
सीएसआई सर्वेक्षण राष्ट्रीय एयरपोर्ट के बीच किया जाता है। जबकि एएसक्यू सर्वेक्षण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है। यानि अब तक देहरादून एयरपोर्ट की प्रतिस्पर्धा देश के अन्य एयरपोर्ट से होती थी। लेकिन अब देहरादून एयरपोर्ट की प्रतिस्पर्धा देश और विदेश के बड़े एयरपोर्ट से होगी। एशिया पेसिफिक के 18 देश के करीब 98 एयरपोर्ट पर एएसक्यू सर्वे किया जाता है। जिसमें भारत के करीब 15 एयरपोर्ट भी शामिल हैं।
हर तीन माह में होगा एएसक्यू सर्वेक्षण
जुलाई से दिसंबर 2024 तक के सीएसआई सर्वेक्षण में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने देहरादून को देश में दूसरा स्थान दिया है। लेकिन अब दून एयरपोर्ट को बड़े एयरपोर्ट का दर्जा मिलने से सीएसआई के स्थान पर एएसक्यू सर्वेक्षण में शामिल किया जाएगा। सीएसआई सर्वेक्षण हर छह माह में होता था। जबकि एएसक्यू सर्वेक्षण हर तीन माह में किया जाएगा।
एयरपोर्ट पर यूं बढ़ी यात्रियों की संख्या
कोविड से पहले देहरादून एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या प्रतिवर्ष 13 लाख से कम थी। वित्तीय वर्ष एक अप्रैल 2020 से लेकर 31 मार्च 2023 तक के बीच दून एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या ने 15 लाख को पार कर लिया था। जिस कारण एएआई द्वारा देहरादून एयरपोर्ट को जून 2023 में में लेवल तीन से लेवल दो का दर्जा दे दिया गया था। 2024 में यात्रियों की संख्या 30 लाख और अब 40 लाख प्रतिवर्ष तक पहुंच गई है।