दिवाली 2025 को लेकर लगातार चल रहे भ्रम को धर्मनगरी हरिद्वार के पुरोहित और ज्योतिषियों ने स्पष्ट किया है। पिछले कुछ समय से लोगों में यह संदेह था कि इस वर्ष दीपावली 20 या 21 अक्टूबर को होगी। ज्योतिषाचार्य और पुरोहितों ने पंचांग गणना और तिथियों के मान के आधार पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि दीपावली 21 अक्टूबर 2025 को ही मनाई जाएगी।
भारतीय प्राचीन विद्या सोसायटी के ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि इस बार दीपावली अमावस्या और प्रतिपदा युक्त होगी। उन्होंने कहा कि जब प्रतिपदा का मान अमावस्या और चतुर्दशी से अधिक होता है, तो दीपावली प्रतिपदा युक्त अमावस्या में आती है। इस वर्ष अमावस्या का कुल मान 26 घंटे 10 मिनट, जबकि प्रतिपदा 26 घंटे 20 मिनट और चतुर्दशी 25 घंटे 53 मिनट तक रहेगी।
ज्योतिषाचार्य ने शुभ मुहूर्त भी साझा किया। उनका कहना है कि दीपावली पूजा 21 अक्टूबर को सूर्यास्त (शाम 5:40 बजे) के बाद प्रारंभ होकर लगभग 2 घंटे 24 मिनट तक की जा सकती है। इस दौरान शाम 7:15 बजे से 8:30 बजे तक लक्ष्मी पूजन का समय विशेष रूप से लाभकारी रहेगा। गृहस्थ लोग इस अवधि में पूजन कर सकते हैं, जबकि तांत्रिक साधक गुरु द्वारा निर्धारित तिथि और समय का पालन करेंगे।
तीर्थ पुरोहित उज्जवल पंडित ने भी कहा कि शास्त्रों के अनुसार अंतिम निर्णय 21 अक्टूबर को दीपावली मनाने का है। उन्होंने बताया कि धर्मसिन्धु, निर्णय सिन्धु और श्री गंगा सभा पंचांग भी इस तिथि की पुष्टि करते हैं।
ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि यह असमंजस की स्थिति 62 वर्षों में दूसरी बार बन रही है। इससे पहले 1962 और 1963 में भी तिथि को लेकर मतभेद रहे थे। वर्ष 1900 और 1901 में भी दीपावली के दिन रात में अमावस्या नहीं थी, इसी प्रकार प्रतिपदा युक्त अमावस्या के कारण इस वर्ष भी 21 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी। इस स्पष्टता से लोगों में त्योहार को लेकर भ्रम दूर हुआ है और सभी धर्मनिष्ठ श्रद्धालु 21 अक्टूबर को शुभ समय में दीपावली पूजन कर सकेंगे।
