
चमोली जिले के कर्णप्रयाग तहसील अंतर्गत सेमी ग्वाड और सगवाड़ा गांवों में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। बुधवार रात और गुरुवार तड़के हुई मूसलाधार बारिश ने पिंडर घाटी में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। सेमी ग्वाड में पैदल रास्ते धंस गए और कई मकानों पर गहरी दरारें पड़ गईं। वहीं पौराणिक जलस्रोत भी भूधंसाव की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गए।
सगवाड़ा गांव में जगत पाल सिंह बिष्ट का मकान पूरी तरह ढह गया, जबकि अन्य 15 परिवार खतरे की जद में आ गए। सभी परिवारों को पंचायत घर और अन्य सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि उनके घर नीचे से खोखले हो चुके हैं और कभी भी राड़ी गदेरे में बह सकते हैं। लगातार हो रही बारिश से भय और दहशत का माहौल है।
स्थानीय निवासी जगदीश पंत, दिनेश पंत, मदन मोहन और मंजू गोसाई ने बताया कि उनके मकानों की नींव पूरी तरह कमजोर हो चुकी है। वहीं, 22 अगस्त को भी इसी गांव में मकान गिरने से एक युवती की मौत हो चुकी है। इससे ग्रामीणों में खौफ और बढ़ गया है।
एसडीएम पंकज भट्ट ने बताया कि भारी बारिश से सगवाड़ा गांव में एक आवासीय भवन मलबे में दब गया और एक अन्य मकान को भी गंभीर क्षति पहुंची। हालांकि दोनों मकानों में कोई नहीं रह रहा था, इसलिए जनहानि नहीं हुई। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराई है। लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन से गांवों में खतरा कम नहीं हो रहा है। ग्रामीण अब सुरक्षित ठिकानों पर शरण लेने को मजबूर हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं, लेकिन खतरे की घड़ी में लोग अब भी डरे और सहमे हुए हैं।