Dhanteras 2024- भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक माना जाता है और वे स्वास्थ्य, आरोग्य और चिकित्सा के देवता हैं, हिंदू धर्म के अनुसार, धन्वंतरि का जन्म समुद्र मंथन के दौरान हुआ था, वे हाथ में अमृत का कलश लिए हुए प्रकट हुए थे। आयुर्वेद के विकास और चिकित्सा के क्षेत्र में उनके योगदान के कारण, उन्हें चिकित्सा विज्ञान का जनक कहा जाता है, हिंदू मान्यताओं के अनुसार, धन्वंतरि की पूजा करने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है और जीवन में स्वास्थ्य, सुख, और शांति बनी रहती है।
Dhanteras 2024- भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति का समय
भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई मानी जाती है, समुद्र मंथन एक पौराणिक घटना है जिसमें देवताओं और असुरों ने मिलकर अमृत प्राप्ति के लिए समुद्र का मंथन किया था। इस मंथन के दौरान कई महत्वपूर्ण वस्तुएं और शक्तियां प्रकट हुईं, जिनमें से भगवान धन्वंतरि भी एक थे, जब भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए, देवताओं ने उनसे अमृत प्राप्त कर अमरत्व की प्राप्ति की।
Dhanteras 2024- भगवान धन्वंतरि का योगदान और आयुर्वेद का प्रसार
Dhanteras 2024- भगवान धन्वंतरि ने मानव जाति को रोगों से मुक्ति दिलाने के लिए आयुर्वेद का ज्ञान दिया उनके द्वारा बताए गए आयुर्वेद के सिद्धांत प्राकृतिक उपचारों और जड़ी-बूटियों पर आधारित हैं, उनका मानना था कि मानव शरीर को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार, नियमित दिनचर्या, और आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग महत्वपूर्ण है।
भगवान धन्वंतरि ने आयुर्वेद में त्रिदोष सिद्धांत का विस्तार किया जिसमें वात, पित्त और कफ तीन दोष माने गए हैं। आयुर्वेद के अनुसार, इन दोषों के संतुलन से ही स्वास्थ्य बना रहता है, धन्वंतरि के सिद्धांत आज भी आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रासंगिक हैं और उनके द्वारा बताए गए उपायों का उपयोग रोगों की रोकथाम और इलाज में किया जाता है।
Dhanteras 2024- भगवान धन्वंतरि की पूजा और धनतेरस
Dhanteras 2024- भगवान धन्वंतरि का जन्मोत्सव धनतेरस के दिन मनाया जाता है, जो दीपावली से दो दिन पहले आता है, इस दिन धन और स्वास्थ्य की देवी लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान धन्वंतरि की पूजा का भी विशेष महत्व है, लोग इस दिन स्वास्थ्य, समृद्धि, और जीवन में सुख-शांति की कामना के साथ भगवान धन्वंतरि की आराधना करते हैं, ऐसा माना जाता है कि उनकी पूजा से रोग और दुख दूर होते हैं।