
देहरादून: गुरु नानक कॉलेज, देहरादून में 17 सितंबर 2025 को “SEBI अवेयरनेस प्रोग्राम एवं कमोडिटी मार्केट ओवरव्यू” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को वित्तीय साक्षरता, कृषि व्यापार प्रबंधन और कमोडिटी बाजार की गहन जानकारी प्रदान करना था। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर की गई। कॉलेज के सीईओ श्री भूपिंदर सिंह और निदेशक डॉ. एस. दुरैवेल ने अतिथि वक्ताओं—श्री मनीक टेकचंदानी (SEBI SMART ट्रेनर एवं डायरेक्टर, M/s Achievers, MCX प्रतिनिधि), श्री गौरव बलोनी (सीनियर एग्जीक्यूटिव – PMT, Agri, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड) और श्री ओंकार (SEBI SMART ट्रेनर)—का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत और सम्मान किया।
पहले सत्र में श्री मनीक टेकचंदानी ने “Financial Literacy for Sustainable Growth” विषय पर छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने बचत और निवेश की महत्ता, जोखिम प्रबंधन, ऋण जागरूकता, कमोडिटी फ्यूचर्स और हेजिंग की बुनियादी जानकारी साझा की। इसके पश्चात छात्रों के साथ इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया गया।
दूसरे सत्र में श्री गौरव बलोनी ने “Commodity Market and Outlook” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने सोना, चांदी, एल्युमिनियम जैसी प्रमुख कमोडिटीज के बाजार रुझान, निर्यात संभावनाएं, घरेलू मांग, वैल्यू एडिशन और सप्लाई चेन में अवसरों पर चर्चा की। सफल कमोडिटी व्यवसायों के उदाहरणों से छात्रों को प्रेरित किया गया।
बीबीए और बीएससी एग्रीकल्चर के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और वित्तीय साक्षरता तथा कमोडिटी मार्केट से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त की। डॉ. अनीता चौहान और पीआर एक्जीक्यूटिव सुश्री सोनाक्षी शर्मा ने कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष योगदान दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. भूपेंद्र भारती और डॉ. अनीता चौहान ने किया।
कॉलेज के अधिकारियों ने इस आयोजन की सराहना की। सीईओ श्री भूपिंदर सिंह ने वित्तीय साक्षरता की छात्रों के करियर निर्माण में अहम भूमिका पर जोर दिया। सीओओ श्रीमती विनीत अरोड़ा ने कहा कि ऐसे आयोजनों से छात्रों में व्यावसायिक जागरूकता बढ़ती है। सीएसओ श्री सैथजीत सिंह ने कमोडिटी मार्केट की जानकारी युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करती है बताया।
यह संगोष्ठी छात्रों के लिए न केवल ज्ञानवर्धक रही, बल्कि उन्हें वित्तीय अनुशासन, निवेश, कृषि व्यवसाय प्रबंधन और बाजार की बारीकियों की समझ भी प्रदान की। कार्यक्रम ने अकादमिक और उद्योग के बीच सेतु का काम किया और छात्रों को सतत और सफल भविष्य के लिए सशक्त किया।