आईएसबीटी परिसर में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई किशोरी के बुधवार को बालिका निकेतन में मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज कराए गए। इस दौरान किशोरी के साथ सरकारी काउंसलर भी मौजूद रहीं। इसके साथ ही पुलिस ने पांचों आरोपियों की पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) भी मांगी है। पुलिस ने तीन दिन की रिमांड के लिए न्यायालय में प्रार्थनापत्र दिया है। न्यायालय में पीसीआर पर बृहस्पतिवार को सुनवाई होगी। इसके लिए आरोपियों को भी तलब किया गया है।
गौरतलब है कि जो किशोरी दुष्कर्म की शिकार हुई उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है। बताया जा रहा है कि वह पहले भी घर से कई बार इस तरह से गायब हुई थी। ऐसे में वह पुलिस अधिकारियों को भी ज्यादा कुछ नहीं बता पा रही थी। नियमानुसार पीड़िता के मजिस्ट्रेटी बयान भी दर्ज कराए जाने थे। ऐसे में पुलिस ने मजिस्ट्रेटी बयान के दौरान काउंसलर की तैनाती करने की अदालत से मांग की थी। अदालत ने मंगलवार को इसकी अनुमति दी और इसके क्रम में बुधवार को बालिका निकेतन में ही महिला मजिस्ट्रेट को भेजकर पीड़िता के बयान दर्ज कराए गए। पीड़िता ने अपने साथ हुई दरिंदगी की कहानी को मजिस्ट्रेट के सामने भी दोहराया है।
कार्रवाई के क्रम में पुलिस ने पांचों आरोपियों की तीन दिन की कस्टडी रिमांड भी मांगी है। पुलिस आरोपियों से अब तक बरामद हुए साक्ष्यों और गवाही की तस्दीक कराना चाहती है। साथ ही मुख्य आरोपी (बस चालक) से दिल्ली से देहरादून तक की यात्रा के दौरान हुई घटनाओं के संबंध में भी पूछताछ करना चाहती है। इसके अलावा इस मामले में नियमानुसार आरोपियों की शिनाख्त परेड भी कराई जानी है। बता दें कि पुलिस अब तक दिल्ली से लेकर देहरादून के सैकड़ों सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जुटा चुकी है।