
गुरु नानक कॉलेज, देहरादून में सोमवार से “विद्या शक्ति 2025” नामक चार दिवसीय सीनियर इंडक्शन प्रोग्राम का शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को अकादमिक सशक्तिकरण के साथ-साथ समाज सेवा और उद्यमिता की दिशा में प्रेरित करना है। कॉलेज प्रशासन का मानना है कि यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को न केवल शिक्षा के नए आयामों से जोड़ता है, बल्कि उन्हें व्यवहारिक अनुभव भी प्रदान करता है।
प्रथम दिवस का उद्घाटन कॉलेज के सीईओ श्री भूपिंदर सिंह ने किया। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाएं। सीओओ श्रीमती विनीत अरोड़ा ने संस्थान की नीतियों और सुविधाओं के बारे में विस्तार से बताया और छात्रों को आत्मविश्वास के साथ करियर की दिशा तय करने की सलाह दी।
सीएसओ श्री सैथजीत सिंह ने समाज सेवा की महत्ता को रेखांकित किया और विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे शिक्षा के साथ सामाजिक जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करें। रजिस्ट्रार डॉ. ललित कुमार ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं से छात्रों को अवगत कराया, वहीं उपाध्यक्ष श्री सुनील कुमार मलिक ने कार्यक्रम की रूपरेखा साझा करते हुए छात्रों को शुभकामनाएं दीं। निदेशक डॉ. एस. दुरैवेल ने प्रेरक भाषण देते हुए “विद्या शक्ति” को विद्यार्थियों के प्रोफेशनल जीवन की मजबूत नींव बताया।
पहला सत्र: समाज सेवा का संदेश
पहले सत्र में Humans For Humanity संस्था के संस्थापक श्री अनुराग चौहान ने हिस्सा लिया। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए छात्रों को समाज सेवा की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने आगामी स्वास्थ्य शिविरों की जानकारी दी, जो नारी निकेतन, अपना घर, बिहारी बस्ती और अन्ना नगर बस्ती में आयोजित होंगे। इन शिविरों में कॉलेज के विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
दूसरा सत्र: उद्यमिता के अवसर
दूसरे सत्र में श्री मोहित नागपाल ने छात्रों को उद्यमशीलता की संभावनाओं पर जागरूक किया। उन्होंने बताया कि कैसे BPT, BMLT जैसे क्षेत्रों के छात्र क्लिनिक, लैब या अन्य व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। उन्होंने बिजनेस प्लानिंग, संसाधनों की पहचान और विचार को व्यवहार में बदलने की रणनीतियों पर चर्चा की। उनका मुख्य संदेश था – “आप केवल नौकरी खोजने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले भी बनें।”
सम्मान एवं समापन
दोनों अतिथियों का स्वागत सीएसओ श्री सैथजीत सिंह ने किया और कार्यक्रम के अंत में स्मृति चिह्न भेंट कर आभार व्यक्त किया।
विद्या शक्ति 2025 का पहला दिन छात्रों के लिए प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक साबित हुआ। यह कार्यक्रम न केवल प्रोफेशनल दृष्टिकोण प्रदान कर रहा है, बल्कि छात्रों को समाज और नवाचार से भी जोड़ रहा है।