अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन के नाम पर साइबर ठग ने प्रॉपर्टी डीलर से 8 लाख की मांग की। जिसके बाद प्रॉपर्टी डीलर का कर्मचारी बैंक में रुपए जमा करने पहुंचा। इस दौरान अपर मुख्य सचिव को जानकारी होने पर प्रॉपर्टी डीलर को रुपए जमा करने से रोक दिया गया। अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन की शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जानकारी के अनुसार 8 अगस्त की दोपहर हरिद्वार स्टांप विभाग के एक अधिकारी के पास साइबर ठग ने फोन किया। जिसमें साइबर ठग ने कहा वह अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन बोल रहा है। अधिकारी को फोन कर ठग ने हरिद्वार के एक प्रॉपर्टी डीलर के बारे में जानकारी ली। उसके बाद अधिकारी ने ठग की ओर से नंबर पूछे जाने पर प्रॉपर्टी कारोबारी का नंबर उपलब्ध करा दिया। ठग ने प्रॉपर्टी कारोबारी को फोन कर कहा कि उनके चाचा अस्पताल में भर्ती हैं। उनके इलाज के लिए आठ लाख रुपये की जरूरत है। ठग ने खाता नंबर देकर रकम जमा कराने के लिए कहा।
प्रॉपर्टी डीलर ने ठग को अपर मुख्य सचिव समझकर रकम जमा कराने के लिए अपने लेखाकार को बैंक भेजा। इसी दौरान किसी तरह यह जानकारी अपर मुख्य सचिव को लग गई। जिसके बाद उन्होंने प्रॉपर्टी डीलर को रकम जमा कराने से रोका। वहीं, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने घटना की जानकारी एडीजी लॉ एंड आर्डर सहित हरिद्वार और देहरादून के एसएसपी को दी।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया अपर मुख्य सचिव की शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में अज्ञात आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। शुरुआती जांच में खाता सिलीगुड़ी, जबकि मोबाइल नंबर पटना का निकला है। पुलिस जांच कर रही है। बैंक में सूचना देकर खाते को सीज करवाया गया है।