
देश को नया उपराष्ट्रपति मिल गया है। 67 वर्षीय वरिष्ठ भाजपा नेता सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पद की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ समेत कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। समारोह में भारतीय राजनीति का गरिमामय दृश्य देखने को मिला।
राधाकृष्णन ने विपक्षी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार और पूर्व जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को हराकर यह जीत दर्ज की। चुनाव में उन्हें कुल 452 वोट मिले जबकि रेड्डी को 300 वोट हासिल हुए। इस तरह 152 मतों के अंतर से उन्होंने शानदार जीत दर्ज की। उल्लेखनीय है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए यह चुनाव इसलिए जरूरी हुआ क्योंकि जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।
शपथ ग्रहण से पहले राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी सूचना के अनुसार, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को अब महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
राधाकृष्णन की यात्रा किसी साधारण नेता जैसी नहीं रही। छात्र आंदोलन से सक्रिय राजनीति तक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भाजपा तक का उनका सफर प्रेरणादायी है। संगठन में लंबे समय तक काम करने के बाद उन्होंने तमिलनाडु भाजपा की कमान 2004 से 2007 तक संभाली। इसी दौरान 2007 में उन्होंने 93 दिनों में 19,000 किलोमीटर की रथ यात्रा की, जिसका उद्देश्य देश की नदियों को जोड़ने, आतंकवाद उन्मूलन, समान नागरिक संहिता लागू करने और मादक पदार्थों के खतरों से निपटने जैसे मुद्दों को जनता के बीच उठाना था।
2020 से 2022 तक उन्हें केरल भाजपा का प्रभारी बनाया गया। संगठन और प्रशासन दोनों पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। विनम्र, सुलभ और मेहनती छवि वाले राधाकृष्णन को उनके समर्थक प्यार से “तमिलनाडु का मोदी” भी कहते हैं। आज उनका शपथ ग्रहण न केवल भाजपा कार्यकर्ताओं बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। राधाकृष्णन का राजनीतिक अनुभव और संगठनात्मक कुशलता अब उपराष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में मददगार साबित होगी।