
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त होता जा रहा है। राज्य के कई जिलों में भूस्खलन, जलभराव और बाढ़ जैसी परिस्थितियां बन गई हैं। मौसम विभाग द्वारा रेड अलर्ट जारी किया गया है। हालात को देखते हुए उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) हाई अलर्ट पर है और सभी जिलों में डिजास्टर रिस्पांस टीमें तैनात की गई हैं।
यूपीसीएल प्रबंधन ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे बारिश के दौरान विशेष सतर्कता बरतें और बिजली के खंभों, टूटे तारों और पोल से दूर रहें। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने सभी फील्ड स्टाफ और अभियंताओं को उच्च सतर्कता मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आपदा जैसी परिस्थितियों में बिजली आपूर्ति बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन सभी अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और अवर अभियंता अपने-अपने क्षेत्रों में गश्त और निरीक्षण कर रहे हैं। किसी भी विद्युत अवरोध या नुकसान की सूचना तुरंत मुख्यालय और नियंत्रण कक्ष को दी जा रही है।
प्रशासन की ओर से भी राहत और बचाव कार्य के लिए टीमें तैयार रखी गई हैं। यूपीसीएल ने अपने सभी लाइन स्टाफ को सुरक्षा उपकरणों का अनिवार्य उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्हें बारिश, आंधी और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में अत्यधिक सावधानी बरतने को कहा गया है।
उपभोक्ताओं की सुरक्षा और मदद के लिए यूपीसीएल ने टोल-फ्री नंबर 1912 जारी किया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि किसी भी परिस्थिति में उपभोक्ता गिरे तारों या पोल को छूने या हटाने का प्रयास न करें और गीले हाथों से विद्युत उपकरणों का प्रयोग न करें।
इस बीच, राज्य के कई हिस्सों से आपदा जैसी खबरें सामने आ रही हैं। उत्तरकाशी जिले के स्यानाचट्टी में स्कूल जलमग्न हो गए और यमुनोत्री हाईवे खतरे में है। वहीं, कर्णप्रयाग में पिंडर और अलकनंदा नदी उफान पर हैं, जिससे आसपास के इलाकों में खतरा बढ़ गया है।
यूपीसीएल ने कहा कि उपभोक्ताओं का सहयोग बेहद जरूरी है। खराब मौसम और लगातार हो रही बारिश के बीच बिजली आपूर्ति को सुचारू बनाए रखने के लिए सभी नियंत्रण कक्ष सतर्क हैं और उपभोक्ताओं को हर संभव सहायता दी जा रही है। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने भी जिला अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं।