देहरादून में सोमवार रात हुए चौकी बवाल मामले ने पूरे प्रदेश में तनाव का माहौल पैदा कर दिया। सोशल मीडिया पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी सामने आने के बाद गुस्साई भीड़ चौकी तक पहुंच गई। इस दौरान नारेबाजी, तोड़फोड़ और माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई। भीड़ से निकले एक नाबालिग को पुलिस ने पकड़ा, जिसके हाथ में धारदार हथियार था और वह घर में घुसकर हमले की कोशिश कर रहा था।
घटना को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि प्रदेश में किसी भी प्रकार की धार्मिक कट्टरता और अराजकता को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि त्योहारों के बीच अशांति फैलाने के पीछे वही ताकतें काम कर रही हैं जो मजबूत होते भारत को नहीं देख पा रही हैं। सीएम धामी ने साफ किया कि “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के संकल्प को तोड़ने की कोशिश करने वाले तत्वों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मान का असली मतलब तभी है जब वह आचरण में दिखे। अगर कोई व्यक्ति या समूह अशांति फैलाकर प्रदेश का माहौल खराब करेगा तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी। सरकार पहले ही उपद्रवियों के खिलाफ कानून ला चुकी है और आगे भी ऐसे प्रयासों को किसी कीमत पर बढ़ावा नहीं दिया जाएगा।
धामी ने चेतावनी दी कि जो भी सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाएगा, उससे पूरी वसूली की जाएगी। उन्होंने पुलिस की तत्परता और सख्ती की सराहना करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
इस घटना के बाद पुलिस ने भारी बल तैनात कर दिया है और स्थिति को नियंत्रण में ले लिया गया है। प्रशासन ने अपील की है कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।
देहरादून की यह घटना स्पष्ट संदेश देती है कि राज्य सरकार धार्मिक सौहार्द और सामाजिक एकता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी। मुख्यमंत्री धामी का यह सख्त रुख बताता है कि अराजकता फैलाने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा।
