
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में केंद्रीय ऊर्जा एवं आवास तथा शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर राज्य की महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने राज्य की ऊर्जा सुरक्षा, शहरी ढांचे के विकास और आवास योजनाओं के लिए वित्तीय सहयोग और नीतिगत समर्थन की मांग की।
जल विद्युत परियोजनाओं के लिए ₹7800 करोड़
मुख्यमंत्री ने कुमाऊं और अपर यमुना क्षेत्रों में जल विद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए ₹4000 करोड़ की वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) की आवश्यकता जताई। इसके अलावा, उन्होंने राज्य के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में पंप स्टोरेज परियोजनाओं को शुरू करने के लिए ₹3800 करोड़ के अतिरिक्त VGF की मांग भी रखी।
धामी ने कहा कि तीर्थाटन के प्रमुख केंद्र ऋषिकेश और हरिद्वार में पर्यावरणीय संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए बिजली लाइनों को भूमिगत और स्वचालित बनाया जाना चाहिए, जिससे न केवल दृश्य प्रदूषण कम होगा, बल्कि आपूर्ति भी अधिक स्थिर और सुरक्षित हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने पावर सिस्टम डेवलपमेंट फंड (PSDF) के अंतर्गत उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पिटकुल) की दो प्रमुख योजनाओं के लिए ₹1007.82 करोड़ की लागत पर पूरी राशि अनुदान के रूप में मंजूर करने की मांग की।
EWS आवास निर्माण के लिए चरणबद्ध वित्त मॉडल
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत कमजोर आय वर्ग (EWS) के लिए आवासीय परियोजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही व्यावहारिक चुनौतियों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि निजी भूमि पर निर्माण होने वाली योजनाओं के लिए भी सरकारी भूमि की तरह 40:40:20 वित्तीय मॉडल लागू किया जाए। इससे नगद प्रवाह की समस्या दूर होगी और योजनाएं समयबद्ध तरीके से पूरी की जा सकेंगी।
साथ ही, उन्होंने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को स्पष्ट निर्देश देने की मांग की ताकि EWS लाभार्थियों को ऋण प्राप्त करने में कोई बाधा न आए।
हरिद्वार तक RRTS विस्तार का सुझाव
मुख्यमंत्री धामी ने दिल्ली-एनसीआर में चल रही रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) परियोजना को मोदीपुरम-मेरठ से हरिद्वार तक विस्तारित करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल हरिद्वार और ऋषिकेश में यातायात का दबाव कम होगा, बल्कि राज्य के गेटवे क्षेत्रों में शहरीकरण और आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी।