
चारधाम यात्रा के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह हर वर्ष की तरह इस बार भी चरम पर है। यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य होने के बावजूद अब तक 31 लाख से अधिक तीर्थयात्री अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। इनमें एक दिन में 27 हजार से अधिक ऑफलाइन पंजीकरण का रिकॉर्ड भी शामिल है, जो 22 मई को दर्ज किया गया।
पर्यटन विभाग द्वारा 20 मार्च से ऑनलाइन पंजीकरण की शुरुआत की गई थी। शुरुआती दौर में श्रद्धालुओं की भारी भागीदारी के चलते मई और जून माह के लिए सभी ऑनलाइन स्लॉट पूर्ण हो चुके हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री अब ऑफलाइन पंजीकरण का विकल्प अपना रहे हैं। इस बढ़ती मांग को देखते हुए 28 अप्रैल से हरिद्वार, ऋषिकेश, हरबर्टपुर और नया गांव विकासनगर में ऑफलाइन पंजीकरण केंद्र स्थापित किए गए हैं।
चारधाम यात्रा पंजीकरण के नोडल अधिकारी योगेंद्र गंगवार के अनुसार, “आने वाले दिनों में ऑफलाइन पंजीकरण की संख्या में और भी इज़ाफा होने की संभावना है। किसी भी श्रद्धालु को पंजीकरण में परेशानी न हो, इसके लिए सभी पंजीकरण केंद्रों पर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं।”
अब तक कुल पंजीकरण में से 12 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ – में दर्शन कर चुके हैं। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि श्रद्धालु न सिर्फ पंजीकरण करवा रहे हैं, बल्कि बड़ी संख्या में यात्रा भी पूरी कर रहे हैं।
राज्य सरकार और पर्यटन विभाग यात्रा को सुचारु और सुरक्षित बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। तीर्थयात्रियों से अपील की गई है कि वे निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए यात्रा करें और किसी भी असुविधा से बचने के लिए समय रहते पंजीकरण अवश्य करवाएं।