चारधाम यात्रा 2025 अपने समापन की ओर बढ़ रही है। आज 22 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट 11.36 बजे शीतकालीन के लिए बंद किए जाएंगे। इस अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया। मां गंगा के स्वागत के लिए मुखबा गांव भी तैयार है, जहां अब शीतकालीन अवधि में मां गंगा की पूजा-अर्चना होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्थानीय प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। यात्रियों को अब मुखबा में मां गंगा के दर्शन करने का अवसर मिलेगा। वहीं, भैयादूज पर 23 अक्टूबर को यमुनोत्री धाम के कपाट सुबह 12.30 बजे शीतकालीन के लिए बंद किए जाएंगे। इसके बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव में रखी जाएगी, जहां श्रद्धालु और पर्यटक उनकी पूजा कर सकेंगे।
चारधाम यात्रा के दौरान व्यापारिक दृष्टि से भी यह अवधि महत्वपूर्ण मानी जा रही है। स्थानीय कारोबारी आशीष सेमवाल और विनय उनियाल ने बताया कि शीतकालीन पड़ावों तक यात्रा चालू रखने से देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को आकर्षित किया जा सकता है। इस दौरान यात्री न केवल यमुना और गंगा की पूजा कर पाएंगे, बल्कि हिमालय की बर्फबारी और प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद ले सकेंगे।
चारधाम यात्रा के आंकड़े बताते हैं कि 21 अप्रैल तक चारों धामों में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 49.30 लाख से अधिक हो चुकी है। तीनों धामों के कपाट शीतकालीन के लिए बंद होने तक यह संख्या 50 लाख को पार कर जाएगी। यात्रा प्रशासन ने सुरक्षा, स्वास्थ्य और यात्री सुविधा पर विशेष ध्यान दिया है।
चारधाम यात्रा का यह समापन पर्व श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक अनुभव के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी लाभकारी साबित हो रहा है। श्रद्धालु और पर्यटक शीतकालीन यात्रा के दौरान भी हिमालय की अद्भुत प्राकृतिक छटा और धार्मिक भक्ति का अनुभव कर सकेंगे। प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए सभी व्यवस्थाएं पूरी कर दी हैं।
