
चमोली जिले के जिला अस्पताल गोपेश्वर में लापरवाही के आरोपों के बीच बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। बीते 31 अगस्त को प्रसव के दौरान एक महिला की मौत हो गई थी, जिसके बाद से परिजन सदमे में थे। अब तीन दिन बाद मंगलवार देर रात महिला के नवजात ने भी वेंटिलेटर पर दम तोड़ दिया। इस दोहरी मौत ने स्थानीय लोगों और परिजनों के आक्रोश को और भड़का दिया।
बुधवार को परिजन और स्थानीय जनप्रतिनिधि अस्पताल पहुंचे और घेराव कर जोरदार हंगामा किया। मामला बिगड़ता देख जिलाधिकारी संदीप तिवारी, अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश और एसडीएम चमोली आरके पांडेय मौके पर पहुंचे। आक्रोशित परिजनों ने प्रसूता और नवजात की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग की। साथ ही प्रभावित परिवार को मुआवजा दिए जाने की मांग भी जोर-शोर से उठाई।
परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नर्सों का व्यवहार मरीजों और तीमारदारों के साथ बेहद असंवेदनशील है। इस पर जिलाधिकारी ने नर्सों को अपना व्यवहार सुधारने के निर्देश दिए और लेबर रूम में शिकायत पुस्तिका रखने का आदेश दिया, ताकि लोग अपनी समस्याएं दर्ज करा सकें।
जिलाधिकारी ने मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिए हैं और स्पष्ट किया है कि प्रसूता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
वहीं कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष गोविंद सजवाण ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अभिषेक गुप्ता के स्थानांतरण की मांग की। उनका आरोप है कि सीएमओ न तो किसी का फोन उठाते हैं और न ही किसी मामले पर प्रतिक्रिया देते हैं। इससे स्वास्थ्य सेवाओं में अराजकता बढ़ रही है।
इस पूरे घटनाक्रम से स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि जिला अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है और स्टाफ की लापरवाही आए दिन मरीजों की जान पर भारी पड़ रही है। लोग चाहते हैं कि प्रशासन इस मामले में कठोर कदम उठाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।