
चमोली (थराली): चमोली जिले के थराली तहसील में शुक्रवार देर रात बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई। क्षेत्र के कोटडीप और राड़ीबगड़ में आसमान से बरसी आफत ने 90 परिवारों को प्रभावित किया। प्रभावितों के लगभग 20 से 25 लोग आपदा राहत एवं बचाव केंद्र, राजकीय पॉलीटेक्निक में शरण लिए हुए हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि एक-एक पाई जोड़कर बनाए गए मकान और गुजर बसर की सभी सामग्री मलबे में बह गई। कई परिवार अब बेघर हो गए हैं। प्रभावितों ने बताया कि कैसे कुछ ही मिनटों में उनका जीवन बिखर गया। वे अपनी खोई हुई संपत्ति और जान की क्षति का दर्द सीएम पुष्कर सिंह धामी को सुनाने पहुंचे।
रविवार दोपहर को सीएम धामी कुलसारी हेलिपैड पहुंचे और सीधे राहत केंद्र में प्रभावितों से मिले। इस दौरान मृत कविता के पिता नरेंद्र सिंह ने रोते हुए कहा कि जीवन भर की मेहनत से बनाया गया मकान मलबे में बदल गया, और उनकी बेटी भी अब नहीं है।
कोटडीप की सावित्री देवी ने बताया कि रात बारह बजे अचानक मलबा आया और वाहन उनके मकान के नजदीक गिरे। बमुश्किल वे अपने पति और बच्चों को लेकर सुरक्षित बाहर निकलीं। एक अन्य महिला ने बताया कि उन्होंने बारिश के दौरान अपने बच्चों और बीमार सास को बचाया, लेकिन उनके कमरे में पूरा मलबा गिर गया और कपड़े दब गए। रिश्तेदारों ने अब कपड़े की व्यवस्था की है।
स्थानीय प्रभावितों ने सीएम से थराली के लोअर बाजार और कोटडीप बस्ती में आपदा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग की। इसके साथ ही, जिनके मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनके सुरक्षित विस्थापन की भी गुहार लगाई। सीएम धामी ने प्रभावितों से बात करते हुए राहत कार्य और पुनर्वास की प्रक्रिया को जल्द से जल्द सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया। प्रशासन ने क्षेत्र में राहत कार्य और गश्त तेज कर दी है ताकि प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता उपलब्ध हो सके।