
चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में बुधवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई। नगर पंचायत नंदानगर के कुन्तरि लगाफाली वार्ड में मलबा आने से छह घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। इस हादसे में सात लोग लापता बताए जा रहे हैं, जबकि दो लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें मौके पर पहुंचकर लगातार राहत और बचाव कार्य कर रही हैं।
जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने बताया कि हादसा देर रात हुआ, जब अचानक तेज बारिश और मलबे की चपेट में कई घर आ गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद रातभर से ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ की टीम नंदप्रयाग पहुंच गई है और एनडीआरएफ की टीम भी गोचर से नंदप्रयाग के लिए रवाना हो चुकी है।
जिलाधिकारी ने कहा कि लापता लोगों की तलाश में SDRF और NDRF टीमें संयुक्त रूप से काम कर रही हैं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी एहतियात के तौर पर मेडिकल टीम और तीन 108 एम्बुलेंस को मौके पर भेजा गया है।
नंदानगर तहसील के धुर्मा गांव में भी भारी वर्षा से नुकसान हुआ है। यहां 4 से 5 मकानों को क्षति पहुंचने की सूचना मिली है, हालांकि राहत की बात यह रही कि यहां किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है।
तेज बारिश से मोक्ष नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है, जिससे निचले इलाकों में खतरा और बढ़ सकता है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है। वहीं, स्थानीय ग्रामीणों में इस आपदा को लेकर भय और आक्रोश दोनों देखने को मिल रहा है। लोगों का कहना है कि समय रहते स्थायी समाधान और मजबूत सुरक्षा इंतजाम किए जाने चाहिए।
उधर, लगातार हो रही बारिश को देखते हुए देहरादून जिले में प्रशासन ने गुरुवार को सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया है।
चमोली की यह आपदा एक बार फिर से पर्वतीय इलाकों में प्राकृतिक संकट और आपदा प्रबंधन की चुनौतियों को सामने लाती है। फिलहाल, प्रशासन पूरी ताकत से लापता लोगों की खोज और प्रभावित परिवारों की मदद में जुटा है।