
देशभर के उपभोक्ताओं और कारोबारियों के लिए राहत और चिंता दोनों साथ लेकर आई है जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक। लंबे समय से जीएसटी ढांचे में बदलाव की चर्चाएं चल रही थीं, आखिरकार वित्त मंत्रालय ने गहन विचार-विमर्श के बाद नए टैक्स स्लैब की घोषणा कर दी है। अब कई रोजमर्रा की चीजें, कृषि उपकरण, हेल्थ और शिक्षा से जुड़ी वस्तुएं सस्ती हो गई हैं, वहीं कुछ लग्जरी और हानिकारक प्रोडक्ट्स पर टैक्स बोझ और बढ़ा है। नई दरें 22 सितंबर 2025 से पूरे देश में लागू होंगी।
कौन-सी चीजें हुईं सस्ती?
रोजमर्रा का सामान
- साबुन, शैम्पू और टूथपेस्ट पर अब 5% जीएसटी लगेगा, पहले 18% लगता था।
- घी, मक्खन, नूडल्स, नमकीन और बर्तन अब 5% जीएसटी दायरे में आएंगे, पहले इन पर 12% था।
- बच्चों की बोतलें, नैपकिन और डायपर अब 5% स्लैब में होंगे।
- सिलाई मशीन पर टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है।
कृषि उपकरण
- ट्रैक्टर टायर अब 5% जीएसटी में आएंगे, पहले 18% लगता था।
- ट्रैक्टर, सिंचाई मशीन और अन्य कृषि मशीनरी पर अब 5% टैक्स लगेगा, जो पहले 12% था।
हेल्थ सेक्टर
- हेल्थ इंश्योरेंस पर अब जीएसटी पूरी तरह खत्म कर दिया गया है (0%)।
- थर्मामीटर और ऑक्सीजन पर 5% जीएसटी, पहले क्रमशः 18% और 12% था।
- डायग्नॉस्टिक किट्स भी 5% स्लैब में आ गई हैं।
ऑटो सेक्टर
- छोटी कारें और मोटरसाइकिलें अब 28% की बजाय 18% जीएसटी में आएंगी।
शिक्षा सामग्री
- मैप, चार्ट और ग्लोब पर जीएसटी हटा दिया गया (0%)।
- पेंसिल, क्रेयॉन पर भी अब जीएसटी नहीं लगेगा।
- एक्सरसाइज बुक्स पर भी टैक्स पूरी तरह खत्म कर दिया गया।
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस
- एयर कंडीशनर, टीवी (32 इंच से बड़े), वॉशिंग मशीन अब 28% की बजाय 18% जीएसटी स्लैब में आएंगे।
किन चीजों पर बढ़ा टैक्स?
नई दरों में सरकार ने एक नया 40% जीएसटी स्लैब भी बनाया है, जिसमें लग्जरी और हानिकारक चीजों को शामिल किया गया है।
- 350 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलें
- पान मसाला, तंबाकू, गुटखा और बीड़ी
- मीठा या शुगर मिक्स्ड वातित जल (कार्बोनेटेड ड्रिंक्स)
- सुगंधित और कैफीन युक्त पेय पदार्थ
- पेट्रोल इंजन वाली 1200 सीसी से बड़ी और डीजल इंजन वाली 1500 सीसी से बड़ी कारें
- निजी उपयोग के विमान, हेलीकॉप्टर और मनोरंजन/स्पोर्ट्स नौकाएं
कौन-से स्लैब हुए खत्म और कौन से जारी?
- 12% और 28% वाले स्लैब को खत्म कर दिया गया है।
- 5% और 18% स्लैब को बरकरार रखा गया है।
- 40% का नया स्लैब जोड़ा गया है।
कब से लागू होंगी नई दरें?
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, ये नई दरें 22 सितंबर 2025 से पूरे देश में लागू हो जाएंगी। इसका मतलब है कि 22 सितंबर से ही उपभोक्ताओं को रोजमर्रा के सामान पर बड़ी राहत मिलनी शुरू हो जाएगी, वहीं लग्जरी गाड़ियों और तंबाकू उत्पादों जैसी चीजों पर ज्यादा टैक्स देना होगा।
उपभोक्ताओं पर असर
- रोजाना इस्तेमाल होने वाले साबुन, टूथपेस्ट, शैम्पू, बच्चों की चीजें सस्ती होने से मध्यम वर्ग और आम लोगों को सीधी राहत मिलेगी।
- किसानों को ट्रैक्टर और कृषि उपकरण सस्ते मिलने से खेती-किसानी की लागत घटेगी।
- हेल्थ सेक्टर में टैक्स कटौती से इलाज और इंश्योरेंस पर बोझ कम होगा।
- कार और बाइक खरीदने वालों के लिए भी राहत है, क्योंकि छोटे वाहन अब सस्ते होंगे।
- वहीं, महंगी गाड़ियां, लग्जरी जहाज और हानिकारक पदार्थों के दाम बढ़ जाएंगे।
जीएसटी ढांचे में यह अब तक का सबसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है। सरकार का कहना है कि इससे टैक्स स्ट्रक्चर सरल होगा और आम लोगों को राहत मिलेगी। हालांकि, लग्जरी और नशे से जुड़े उत्पादों पर बढ़ा बोझ सरकार की राजस्व जरूरतों और स्वास्थ्य सुरक्षा दोनों को साधने की कोशिश है। नई दरों के लागू होने के बाद आने वाले महीनों में बाजार और महंगाई पर इसका असर साफ दिखाई देगा।