
हरिद्वार के रुड़की स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में इस सत्र से छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए सख्त नियम लागू कर दिए गए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अब परिसर में आधुनिक प्रणाली की जगह प्राचीन भारतीय परंपरा और अनुशासन को महत्व दिया जाएगा।
अब छात्र-छात्राओं को शनिवार और रविवार की साप्ताहिक छुट्टियों का लाभ नहीं मिलेगा। इसके स्थान पर प्रतिपदा, अष्टमी, अमावस्या और पूर्णिमा के दिन ही अवकाश रहेगा। यह बदलाव भारतीय पंचांग पर आधारित शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। परिसर में अब सिर्फ संस्कृत भाषा में ही संवाद करने की अनुमति होगी। किसी भी अन्य भाषा में बातचीत पर रोक लगाई गई है। 16 जून से शुरू हो रहे नए सत्र में यह सभी बदलाव प्रभावी होंगे।
छात्रावास नियमों में भी सख्ती बरती गई है। हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को सुबह 4:30 बजे उठना अनिवार्य होगा। वहीं, रात 9 बजे सभी छात्रों के मोबाइल फोन ले लिए जाएंगे, जो उन्हें अगली सुबह 8 बजे वापस किए जाएंगे। यूनिफॉर्म पहनना सभी के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।
हॉस्टल की सीट अब मेरिट, अनुशासन और दूरी के आधार पर दी जाएगी। जिन छात्रों का निवास स्थान परिसर से 20 किलोमीटर के भीतर है, उन्हें छात्रावास सुविधा नहीं मिलेगी। इस बार हॉस्टल में 550 छात्रों को ही जगह मिलेगी, जबकि कुल क्षमता 570 है।शिक्षकों पर भी नियम लागू होंगे। पुरुष शिक्षकों को अब धोती या पजामा-कुर्ता और महिला शिक्षिकाओं को सलवार-सूट या साड़ी पहनना होगा। परिसर निदेशक प्रो. पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने बताया कि यह सभी नियम विश्वविद्यालय को एक संस्कृतनिष्ठ, अनुशासित और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शैक्षणिक केंद्र बनाने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं।