
अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने आज फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या के मामले में दोषी करार दिया है। इन पर 302, 201, 354, धाराओं में दोष सिद्ध हुआ है। वहीं, कोर्ट ने तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 50-50 हजार रुपये का अर्थ दंड और अंकिता के परिजनों को चार लाख रुपये देने का फैसला भी कोर्ट ने सुनाया। लगभग 26 महीने तक चली सुनवाई के बाद आज मामले में फैसला आया है। प्रकरण में 28 मार्च 2023 से ट्रायल शुरू हुआ था और बीती 19 मई को दोनों पक्षों की गवाही और जिरह समाप्त हुई थी।
8 सितंबर 2022 को यमकेश्वर के वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करने वाली अंकित भंडारी की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद मामला जिस प्रकार से आगे बढ़ा, उससे एक समय लगा कि रसूखदार आरोपी घटना से बच निकलेगा। लेकिन, जांच सही हुई। कोर्ट ने सुनवाई की और आखिरकार आरोपी दोषी करार हुआ।
अंकिता हत्याकांड ने उस मध्यम, निम्न मध्यम और गरीब वर्ग को झकझोर दिया था, जिनके घरों से बेटियां बड़े सपने लेकर शहर जाती हैं। कमाकर परिवार की स्थिति सुधारना चाहती हैं। कोर्ट के फैसले ने अब इन लोगों में कानून के प्रति एक उम्मीद जरूर जगाई है।
अंकिता भंडारी की जिस प्रकार से रिजॉर्ट से ले जाकर हत्या करने और उसके शव को चीला नहर में फेंकने का मामला सामने आया, उसने आरोपियों के खिलाफ माहौल खड़ा कर दिया। एक सामान्य लड़की जब सपनों को उड़ान देने घर से निकलती तो उसे कुचलने की कोशिश किस प्रकार की जाती है, यह घटना उसका उदाहरण था। अंकिता के माता-पिता उसके गायब होने के एक सप्ताह तक परेशान रहे। बेटी को खोजने की कोशिश करते रहे, लेकिन अंकिता का कहीं पता नहीं चला।
अदालत के फैसले पर पूरे उत्तराखंड और देश के लोगों की निगाहें टिकी थीं। कोटद्वार में इसके लिए पुलिस प्रशासन की ओर से व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए साथ ही गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों से पुलिस फोर्स कोटद्वार बुलाई गई। अदालत परिसर के बाहर की सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाई गई।