Dehradun | Uttarakhand News : उत्तराखंड में जंगली जानवरों के हमलों ने गढ़वाल और कुमाऊं के सभी क्षेत्रों में दहशत पैदा कर दी है। हाल के महीनों में इन हमलों में कई लोगों की मौत हुई है और कई गंभीर रूप से घायल हुए हैं। खासतौर पर अब स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चे भी इन हमलों से डरने लगे हैं। आए दिन स्कूलों से बच्चों पर जंगली जानवरों के हमलों की खबरें सामने आ रही हैं।
गढ़वाल में सबसे ज्यादा भालुओं के हमले दर्ज किए गए हैं। 22 दिसंबर को चमोली जिले में एक छात्र को भालू उठा ले गया। यह पहला मामला नहीं है। आंगन में खेल रहे बच्चे, खेतों में काम कर रही बुजुर्ग महिलाएं और घर लौटते पुरुष भालुओं के निशाने पर आ रहे हैं। रुद्रप्रयाग जिले में पिछले तीन महीनों में 20 लोगों पर भालू हमला कर चुका है। भालुओं के हमलों को देखते हुए वन विभाग अब स्कूली बच्चों को एस्कॉर्ट कर रहा है।
चमोली जिले में भी भालुओं ने कई लोगों को घायल किया है। बदरीनाथ वन प्रभाग में दो लोगों की मौत भालुओं के हमले में हो चुकी है, जबकि 14 लोग घायल हुए हैं। उत्तरकाशी जिले में भी 15 लोगों पर हमला हो चुका है और दो लोगों की मौत हो चुकी है। पौड़ी जिले में 12 हमलों की घटनाएं सामने आई हैं। यहां तक कि भालू इंसानों के साथ-साथ जानवरों को भी अपना निशाना बना रहे हैं। एक व्यक्ति की मौत के साथ-साथ 50 जानवर भी भालू के शिकार बन चुके हैं।
उत्तराखंड वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि संवेदनशील इलाकों में स्कूलों का समय बदल दिया गया है। उदाहरण के लिए, 9:15 बजे खुलने वाले स्कूल अब 10:00 बजे खुलेंगे और 3:30 बजे बंद होने वाले स्कूल अब 3:00 बजे बंद होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि बुश कटर और सोलर लाइट जैसी व्यवस्था लगाई जा रही है और फूड वेस्ट के निस्तारण पर ध्यान दिया जा रहा है ताकि भालू आबादी वाले क्षेत्रों में न आएं।
पूर्व राजाजी पार्क के निदेशक सनातन सोनकर ने बताया कि जंगली जानवरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और इसका स्थाई समाधान अभी नजर नहीं आता। उनके अनुसार, भालू और गुलदार अब पहाड़ों से उतरकर शहर, गांव और स्कूलों तक पहुंच रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस गंभीर मामले पर केंद्रीय वन मंत्री से फोन पर बातचीत की है। उन्होंने चमोली जिले के पोखरी स्कूल में पढ़ने वाले उन बच्चों से भी बात की जिन्होंने मुश्किल से भालू से बचकर अपनी जान बचाई। मुख्यमंत्री ने स्कूलों, आंगनबाड़ियों और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में वन विभाग की गश्त बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं।

उत्तराखंड में जंगली जानवरों के हमले अब सिर्फ पहाड़ों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि स्कूल और गांव तक पहुंच चुके हैं, जिससे सुरक्षा को लेकर लोगों में गंभीर चिंता बढ़ गई है।
