उत्तरकाशी – डुंडा ब्लॉक के चिणाखोली गांव में रविवार को भगवान नागराजा मंदिर का ताला तोड़कर चोरी की घटना ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने तेजी से दो संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से असली पहचान नागराजा भगवान की देवडोली ने की, जो ग्रामीणों के साथ कोतवाली पहुंची।
कैसे हुई चोरी?
रविवार को गांव में विवाह समारोह था। इस दौरान बाहर से दो लोग गांव आए हुए थे। दूल्हा-दुल्हन के पूजा के बाद जब पुजारी मंदिर लौटे तो मंदिर का ताला टूटा मिला दान पात्र और देवता की मूर्ति गायब थी ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद दोनों बाहरी व्यक्तियों को शक के आधार पर हिरासत में लिया गया। लेकिन उनके पास चोरी का सामान नहीं मिला।
देवडोली का चमत्कार – ग्रामीणों ने देवस्थान से सेमनागराजा की देवडोली से पूछताछ की, तो देवडोली ने कहा कि उन्हें कोतवाली ले जाया जाए, वहीं चोर की पहचान की जाएगी। सोमवार को पूरा गांव देवडोली के साथ कोतवाली पहुंचा। कोतवाली में देवडोली ने हिरासत में लिए दोनों में से सही आरोपी की पहचान कर दी देवडोली ने बताया कि चोरी 5 लोगों ने की थी, लेकिन गांव में केवल दो ही आए थे।

देवडोली द्वारा बताई जगह से मिला चोरी का सामान –
देवडोली ने जिस स्थान की ओर संकेत किया, वहां से—
- चोरी हुआ दान पात्र
- और देवता की मूर्ति
गांव से करीब ढाई–तीन किलोमीटर दूरी पर जंगल में बरामद हुई।
ग्रामीण हैरान, पुलिस भी चकित
इस पूरे घटनाक्रम से ग्रामीणों में जहां देवशक्ति के प्रति आस्था और बढ़ गई है, वहीं पुलिस भी देवडोली की सटीक पहचान से हैरान है। मामले की जांच जारी है।
