हरिद्वार: उत्तराखंड आंदोलन के प्रखर सिपाही और पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवंगत दिवाकर भट्ट का आज हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र ललित भट्ट ने नम आंखों से उन्हें मुखाग्नि देकर अंतिम विदाई दी। अंतिम संस्कार से पहले उनके घर से लेकर श्मशान घाट तक अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। राजनीतिक दलों के कई दिग्गज नेता भी दिवाकर भट्ट को श्रद्धांजलि देने हरिद्वार पहुँचे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किया। राजकीय सम्मान के तहत गार्ड ऑफ ऑनर और अंतिम सलामी दी गई। नेताओं और समाजसेवी जनों ने दिवाकर भट्ट के निधन को उत्तराखंड के लिए अपूर्णीय क्षति बताया। पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि उन्होंने 1980 के दशक में राज्य निर्माण आंदोलन में दिवाकर भट्ट के साथ संघर्ष किया।
यूकेडी के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह एरी ने दिवाकर भट्ट को “राज्य आंदोलन के मजबूत स्तंभ” बताया और कहा कि उनका जाना पूरे राज्य के लिए क्षति है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने उन्हें सच्चा समाजसेवक करार दिया और कहा कि दिवाकर भट्ट हमेशा उत्तराखंडीयत के लिए जीते। दिवाकर भट्ट को श्रद्धांजलि देने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, विधायक मदन कौशिक, आदेश चौहान, रवि बहादुर, मुहम्मद शहजाद, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, पूर्व मंत्री प्रीतम सिंह पंवार, कांग्रेस और यूकेडी के नेता, प्रशासनिक अधिकारी और भारी संख्या में आम लोग शामिल थे। उत्तराखंड के इतिहास में दिवाकर भट्ट का योगदान अमिट रहेगा, और उनके बताए मार्ग पर चलते हुए राज्य निर्माण के सपने साकार करने का काम जारी रहेगा।
