चमोली: भालू का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब भालू स्कूल जा रहे बच्चों तक को निशाना बना रहा है। शनिवार को हरिशंकर गनियाला गांव के स्कूल से लौट रहे चार छात्र-छात्राओं पर भालू ने हमला किया। गनीमत रही कि बच्चे तेजी से भागकर अपनी जान बचाने में सफल रहे। ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर भालू को भगाया। जिले के अधिकांश विद्यालय गांवों से दूर हैं और रास्ता वन क्षेत्रों से होकर गुजरता है। ऐसे में भालू का आतंक शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों के लिए नई चुनौती बन गया है।
पोखरी विकासखंड के जूनियर हाईस्कूल हरिशंकर से पढ़ाई कर चार बजे स्कूल लौट रहे बच्चे गनियाला गांव जा रहे थे। रास्ते में खेतों में भालू छुपा हुआ था। कक्षा छठी से आठवीं तक के चार छात्र-छात्राएं साथ चल रहे थे कि भालू अचानक उन पर हमला कर दिया। बच्चों ने अपनी जान बचाने के लिए नीचे ढ़लान की ओर भागा। इस दौरान उनका स्कूल का बैग भालू ने फाड़ दिया। धन सिंह चौधरी ने बताया कि बच्चों के शोर सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और भालू को भगाया। जमन सिंह बत्र्वाल ने कहा कि भालू रात को भी गांव के पास दिखाई दिया और ग्रामीणों ने उसे दोबारा भगाया।
इस घटना में शामिल छात्र-छात्राओं में कक्षा आठ की दिपिका और दिव्या, कक्षा सात के आकाश और अंकित शामिल थे। यदि ग्रामीण थोड़ी देर से पहुंचे होते, तो बच्चे भालू के हमले का शिकार हो सकते थे। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश दूबे ने बताया कि पोखरी में भालू के आतंक को देखते हुए दो शस्त्र वनकर्मी तैनात किए गए हैं। रात्रि गश्त और आतिशबाजी के माध्यम से ग्रामीणों को सजग किया जा रहा है। गोपेश्वर नगर क्षेत्र में भी भालू दिखाई दे रहा है, जहां चार टीमों की गश्त जारी है। वन विभाग ने भालू प्रभावित क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ा दी है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की घटना रोकी जा सके और ग्रामीणों व बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
