रुद्रप्रयाग: केदारघाटी की ग्राम सभा मैखंडा में मंदाकिनी नदी के किनारे गुरुवार देर शाम एक भालू झाड़ियों और तार में फंस गया। इसकी सूचना मिलने पर वन विभाग ने तुरंत रेस्क्यू अभियान शुरू किया…लेकिन अंधेरा अधिक होने के कारण पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली।
शुक्रवार तड़के पांच बजे पुन रेस्क्यू शुरू किया गया। विभाग की टीम ने भालू को बेहोश कर उसे झाड़ियों और तार से मुक्त किया और सुरक्षित प्राकृतिक वास क्षेत्र में छोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार गुरुवार शाम लगभग साढ़े तीन बजे बुर्सिल क्षेत्र के जंगलों में भालू की चीखने की आवाज सुनाई दी। दूर से देखने पर भालू झाड़ियों और क्लच वायर के बीच फंसा दिखाई दिया। ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी।
वन क्षेत्राधिकारी हरि शंकर रावत ने बताया कि प्रभागीय वनाधिकारी रजत सुमन के नेतृत्व में टीम मौके पर पहुंची। भालू गंभीर रूप से फंसा था, लेकिन अंधेरा होने के कारण रात में रेस्क्यू संभव नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि जंगल में क्लच वायर का पाया जाना संदिग्ध है और इसकी जांच की जाएगी।
ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि भालू पहले भी कई मवेशियों को मार चुका है, जिससे क्षेत्र में खतरा बढ़ गया है। महिलाओं ने घास काटने और जंगल में जाने में डर महसूस किया। ग्राम प्रधान कविता देवी ने कहा कि सूचना मिलने के बाद भालू को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की मांग की गई थी…लेकिन उसे जंगल में छोड़ने से आस-पास के गांवों के लिए खतरा बढ़ गया है।
वन विभाग ने आश्वासन दिया है कि जंगली जानवरों की गतिविधियों पर निगरानी बढ़ाई जा रही है और क्षेत्र में गश्त भी बढ़ाई जाएगी।
