पिथौरागढ़: सीमांत क्षेत्र के लोगों की जीवनरेखा कही जाने वाली रोडवेज बसें गंगोलीहाट में अब भी दिखाई नहीं देतीं। मुख्य बाजार से एक किलोमीटर दूर 3.10 करोड़ रुपये की लागत से तैयार रोडवेज बस स्टेशन बन चुका है…लेकिन यहां से किसी भी रूट पर सीधी बस सेवा शुरू नहीं हो सकी। केवल कुछ समय के लिए मुख्य बाजार में दिल्ली, हल्द्वानी और टनकपुर रूट की बसें रुकती हैं…और यदि ये बस छूट जाएं तो यात्रियों को टैक्सियों पर निर्भर रहना पड़ता है।
गंगोलीहाट विकासखंड के यात्रियों की आवाजाही सुगम बनाने के लिए करोड़ों की लागत से बस स्टेशन का निर्माण किया गया। स्टेशन बनने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि यहां से दिल्ली, देहरादून, हल्द्वानी, टनकपुर, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा रूट पर सीधी बस सेवा शुरू होगी। लेकिन अब तक केवल निराशा हाथ लगी है।
पिथौरागढ़ डिपो की काठगोदाम बस हर दिन स्टेशन पर आती है और रात्रि विश्राम करती है। अगले दिन सुबह यह बस काठगोदाम लौट जाती है। हालांकि अपना स्टेशन बनने के बाद भी पिथौरागढ़ डिपो यहां से किसी भी रूट पर सीधी बस सेवा संचालित नहीं कर पा रहा है, जिससे स्थानीय यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पिथौरागढ़ डिपो के एआरएम रवि शेखर कापड़ी ने बताया कि गंगोलीहाट रोडवेज बस स्टेशन अभी डिपो को हस्तांतरित नहीं हुआ है। विभिन्न रूटों पर सीधी बस सेवा शुरू करने पर विचार चल रहा है, और यात्रियों की संख्या के अनुसार इसकी रूपरेखा तय की जाएगी।
प्रदेश सरकार राज्य बनने के 25 वर्ष पूरे होने पर रजत जयंती बड़ी धूमधाम से मना रही है, लेकिन बेरीनाग और गंगोलीहाट के हजारों लोगों को अब तक जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ और देहरादून तक रोडवेज की एक भी बस सेवा नहीं मिली। पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यहां सीधी बस सेवा शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन सरकार बदलने के बाद वह योजना ठंडे बस्ते में चली गई।
