देहरादून: उत्तराखंड राज्य गठन के 25 वर्षों में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। राज्य सरकार के सतत प्रयासों से अब प्रत्येक विधानसभा और तहसील स्तर पर उच्च शिक्षण संस्थान स्थापित हो चुके हैं…जिससे प्रदेश के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के नए अवसर मिले हैं।
राज्य गठन के समय प्रदेश में केवल 03 राज्य विश्वविद्यालय और 31 शासकीय महाविद्यालय थे। आज यह संख्या बढ़कर 11 राज्य विश्वविद्यालयों और 118 महाविद्यालयों तक पहुंच गई है। इसके अलावा 31 निजी विश्वविद्यालय और 238 निजी महाविद्यालय भी उच्च शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं।
छात्र संख्या में भी इजाफा हुआ है। राज्य गठन पर उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों की संख्या लगभग 1 लाख थी…जो अब बढ़कर 5 लाख हो चुकी है। इनमें से 1.53 लाख छात्राएं हैं, जो कुल छात्रों का 60% से अधिक हैं। सकल नामांकन अनुपात 31.1 प्रतिशत से बढ़कर 41.8 प्रतिशत हो गया है…जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए आधारभूत सुविधाओं का विस्तार किया है। 118 महाविद्यालयों में से 98 के अपने भवन हैं, 40 छात्रावास उपलब्ध हैं जिनमें से 29 महिला छात्रावास हैं। कुमाऊं विश्वविद्यालय को मल्टी-डिसिप्लिनरी रिसर्च यूनिवर्सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है।
शिक्षक और कर्मचारी संख्या में भी वृद्धि हुई है। वर्ष 2000 में शिक्षकों की संख्या 918 थी, जो अब 2,351 हो चुकी है। शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की संख्या भी 795 से बढ़कर 1,036 हो गई है। उच्च शिक्षण संस्थानों को रैंकिंग और शोध गतिविधियों पर भी ध्यान दिया गया है। वर्ष 2001 में 389 स्कोपस इंडेक्स्ड शोध प्रकाशन थे, जो अब बढ़कर 12,430 हो गए हैं। पेटेंट फाइल की संख्या 268 से बढ़कर 417 हो गई है। उत्तराखंड ने नई शिक्षा नीति-2020 का पूर्ण रूप से क्रियान्वयन किया है। मल्टीपल एंट्री-एग्जिट सिस्टम, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट और पाठ्यक्रम सुधार को लागू किया गया है। अब तक 26 लाख 68 हजार छात्रों की ABC ID बन चुकी है। शिक्षकों के प्रशिक्षण पर भी जोर दिया गया। आईआईएससी, आईआईएसईआर, आईआईएम काशीपुर और ईडीआईआई अहमदाबाद जैसे संस्थानों में शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है। 12 शिक्षकों को भक्तदर्शन उच्च शिक्षा गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
छात्रों को विभिन्न छात्रवृत्तियों और कौशल विकास कार्यक्रमों से जोड़ा गया है। नैसकॉम, इंफोसिस स्प्रिंगबोर्ड और अमृता विश्वविद्यालय के सहयोग से छात्र प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। आईआईटी कानपुर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सहयोग से 6,441 छात्रों को वित्तीय और बैंकिंग क्षेत्र का प्रशिक्षण दिया गया। प्रदेश के विश्वविद्यालय और महाविद्यालय डिजिटलाइजेशन की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। प्रवेश, परीक्षा, छात्रवृत्ति और डिग्री जैसी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही हैं। उच्च शिक्षा को रोजगार, उद्यमिता और नवाचार से जोड़ने के लिए देवभूमि उद्यमिता योजना शुरू की गई है। अब तक लगभग 1,000 छात्र स्टार्टअप शुरू कर चुके हैं, जिनमें से 333 छात्र आर्थिक लाभ कमा रहे हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि शिक्षा केवल ज्ञान तक सीमित न रहे….बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाए। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता, अवसरों में समानता और प्रशासन में पारदर्शिता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
