उत्तराखंड में दीपावली नजदीक आते ही हवा की गुणवत्ता (AQI) धीरे-धीरे बिगड़ने लगी है। देहरादून में 12 अक्तूबर को एक्यूआई 49 दर्ज किया गया था, जो अब बढ़कर 58 तक पहुंच गया है। हालांकि यह स्तर अभी भी “संतोषजनक” श्रेणी में आता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि दीपावली तक प्रदूषण में और वृद्धि देखने को मिल सकती है। बीते वर्ष 18 अक्तूबर को दून का एक्यूआई 145 तक दर्ज किया गया था, जबकि इस बार अब तक स्थिति बेहतर बनी हुई है।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल प्रदेश में सामान्य से अधिक हुई बारिश ने हवा को साफ करने में मदद की, जिससे प्रदूषण का स्तर काफी हद तक नियंत्रित रहा। लेकिन जैसे-जैसे मौसम शुष्क होता जा रहा है और धूप चटकने लगी है, हवा में मौजूद धूल के महीन कण अब प्रदूषण का रूप लेने लगे हैं। दीपावली के दौरान पटाखों के प्रयोग से यह स्तर और बढ़ सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार, आगामी एक सप्ताह तक प्रदेशभर में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। चटक धूप खिलने से पहाड़ी इलाकों में सुबह और रात की ठंड में थोड़ी राहत मिलेगी, जबकि दिन के समय तापमान में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। वहीं, मैदानी क्षेत्रों में दोपहर के समय गर्मी का असर महसूस किया जाएगा।
मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने बताया कि इस समय पहाड़ों में दिन और रात के तापमान में स्पष्ट अंतर देखने को मिल रहा है। दिन में धूप खिलने से ठंड कम महसूस हो रही है, जबकि सुबह और शाम के समय ठंडक का अहसास बढ़ गया है। उन्होंने लोगों को दीपावली के दौरान पर्यावरण के प्रति जागरूक रहने और कम से कम पटाखे चलाने की अपील की, ताकि हवा की गुणवत्ता बनी रहे और प्रदूषण के खतरे को रोका जा सके।
कुल मिलाकर, दीपावली की तैयारियों के बीच जहां मौसम शुष्क रहेगा, वहीं प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है, ताकि पर्व का आनंद स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण में लिया जा सके।
