उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने आगामी समूह-ग भर्ती परीक्षाओं को पूरी पारदर्शिता और सुरक्षा के साथ संपन्न कराने के लिए व्यापक मास्टर प्लान तैयार किया है। पेपर लीक जैसी घटनाओं से सबक लेते हुए आयोग इस बार किसी भी स्तर पर लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहता। इसी के तहत परीक्षाओं का लाइव टेलीकास्ट, जैमर की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग और सख्त प्रवेश प्रक्रिया लागू की जाएगी।
आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया कि प्रत्येक परीक्षा केंद्र से परीक्षा की सभी गतिविधियों का लाइव टेलीकास्ट आयोग कार्यालय स्थित कंट्रोल रूम में किया जाएगा। इसके माध्यम से आयोग परीक्षा केंद्रों की हर गतिविधि पर नजर रख सकेगा। परीक्षा केंद्रों पर बायोमीट्रिक उपस्थिति गेट पर ही दर्ज की जाएगी और चेकिंग से लेकर प्रवेश तक की सभी औपचारिकताएं वहीं पूरी होंगी। अभ्यर्थियों और पर्यवेक्षक के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को परीक्षा केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा से एक रात पहले से ही सुरक्षा कर्मी तैनात रहेंगे। साथ ही जैमर का परीक्षण भी पहले ही किया जाएगा। अगर किसी केंद्र में जैमर की क्षमता में कमी पाई जाती है तो उसे तत्काल बदला जाएगा। आयोग ने जैमर और बायोमीट्रिक मशीन सप्लाई करने वाली कंपनियों—ईसीआईएल और अन्य एजेंसियों के साथ 27-28 अक्टूबर को बैठक बुलाने का निर्णय लिया है, ताकि सभी तकनीकी खामियों को दूर किया जा सके।
इसके अलावा पुलिस और मजिस्ट्रेट की संयुक्त टीम परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करेगी। इस दौरान केंद्र की दीवारों की ऊंचाई, प्रवेश और निकास द्वार की सुरक्षा, और आपात स्थिति में निकासी की व्यवस्था का मूल्यांकन किया जाएगा।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस बार सभी परीक्षाएं एक ही पाली में आयोजित होंगी, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी या पेपर लीक की संभावना समाप्त की जा सके।
जिलों के सेक्टर मजिस्ट्रेट, परीक्षा केंद्र समन्वयक और पर्यवेक्षक पर निगरानी की मुख्य जिम्मेदारी होगी। आयोग का कहना है कि यह पूरी व्यवस्था “निष्पक्ष, पारदर्शी और तकनीक-संवर्धित परीक्षा प्रणाली” की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे परीक्षार्थियों का विश्वास बहाल किया जा सके।
