आश्विन मास की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो गया है। इस वर्ष नवरात्र 22 सितंबर सोमवार से आरंभ हुए हैं और देवी दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है, जो सुख-समृद्धि, राष्ट्र उन्नति और कल्याण का प्रतीक माना जाता है। नवरात्र का पहला दिन मां शैलपुत्री की आराधना के लिए समर्पित होता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज शारदीय नवरात्र के प्रथम दिवस पर मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की। उन्होंने प्रदेशवासियों की सुख, शांति, समृद्धि और उत्तराखंड राज्य की उन्नति के लिए मां दुर्गा से प्रार्थना की। सीएम धामी ने अपने शासकीय आवास पर पूरे विधि-विधान और श्रद्धा भाव से पूजा कर नवरात्र की शुरुआत की।
उन्होंने कहा कि नवरात्र केवल धार्मिक उत्सव ही नहीं, बल्कि मातृशक्ति की आराधना का प्रतीक है। यह पर्व हमें शक्ति, साहस और धैर्य प्रदान करता है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से भी अपील की कि वे नवरात्र में सामाजिक सौहार्द और आपसी भाईचारे को मजबूत करें और मातृशक्ति से प्रेरणा लेकर समाज और राज्य की प्रगति में योगदान दें।
इस अवसर पर धार्मिक विद्वानों ने बताया कि इस बार नवरात्र के प्रथम दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और हस्त नक्षत्र का संयोग बना है, जो अत्यंत शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस योग में पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
नवरात्र के नौ दिनों तक भक्त देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं। मां शैलपुत्री की पूजा से साधक को स्थिरता, संयम और अध्यात्मिक उन्नति का आशीर्वाद मिलता है।
पूरे राज्य में नवरात्र के शुभारंभ पर मंदिरों में विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं ने सुबह से ही मंदिरों में पहुंचकर पूजा-अर्चना की और माता रानी का आशीर्वाद लिया। शहर से लेकर गांव तक नवरात्र का उल्लास साफ देखा जा सकता है। सीएम धामी के पूजा-अर्चना करने से श्रद्धालुओं में भी उत्साह और भक्ति का संचार हुआ है। अब आने वाले नौ दिनों तक प्रदेशभर में मां दुर्गा के जयकारे गूंजते रहेंगे और भक्तिमय वातावरण बना रहेगा।
