हरिद्वार में आज सर्वपितृ अमावस्या के अवसर पर आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला। तड़के सुबह से ही गंगा घाटों और मंदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। हरकी पैड़ी समेत नारायणी शिला पर हजारों लोगों ने पवित्र गंगा स्नान कर विधि-विधान से पिंडदान और तर्पण किया। भक्तों ने पूर्वजों की आत्मा की शांति और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना के साथ धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किए।
विशेष आकर्षण का केंद्र रहे असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, जो हर वर्ष की तरह इस बार भी नारायणी शिला पहुंचे और अपने पितरों को तर्पण किया। उन्होंने विधि-विधान से पूजा कर पिंडदान किया। उनके आगमन से माहौल और भी भक्तिमय हो उठा।
इस दौरान मंदिर परिसर और घाटों पर धार्मिक उल्लास और आस्था का अनूठा नजारा देखने को मिला। गंगा स्नान और पिंडदान के लिए आए श्रद्धालु ‘पितरों को जल अर्पण’ करते दिखाई दिए। जगह-जगह भजन-कीर्तन गूंजते रहे, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए। एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल के अनुसार, यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए विशेष प्लान लागू किया गया। दिल्ली, मेरठ और मुजफ्फरनगर की ओर से आने वाले बड़े वाहनों को गढ्ढा पार्किंग और बैरागी कैंप पार्किंग में खड़ा कराया गया। छोटे वाहनों के लिए रोड़ीबेलवाला और अन्य पार्किंग स्थल निर्धारित किए गए। इसी तरह बिजनौर-नजीबाबाद और देहरादून-ऋषिकेश की ओर से आने वाले वाहनों के लिए भी वैकल्पिक मार्ग और पार्किंग तय की गई।
तुलसी चौक से देवपुरा चौक और शंकराचार्य चौक से तुलसी चौक तक बाहरी जनपदों के वाहनों का प्रवेश पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहा। केवल स्थानीय वाहनों और बुजुर्ग व दिव्यांग श्रद्धालुओं के वाहनों को ही छूट दी गई। उनके लिए विशेष पार्किंग की व्यवस्था की गई। पुलिस बल और स्वयंसेवक लगातार भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध कराने में लगे रहे। घाटों और मंदिर परिसरों में सफाई और सुरक्षा की विशेष देखरेख की गई।
सर्वपितृ अमावस्या पर हरिद्वार में उमड़ी यह भीड़ एक बार फिर यह संदेश दे गई कि आस्था की शक्ति हर कठिनाई को मात देती है। पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता और श्रद्धा व्यक्त करने का यह पर्व भक्तों के लिए गंगा की पावन धारा में डुबकी लगाने का बड़ा अवसर बन गया।
