देहरादून में आई आपदा के हालात हर घंटे और भयावह होते जा रहे हैं। राहत एवं बचाव कार्यों के दौरान गुरुवार को छह और शव बरामद हुए। इनमें चार शव देहरादून और दो शव सहारनपुर के मिर्जापुर यमुना नदी से मिले। इसके साथ ही मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 23 हो गया है। वहीं अब भी 17 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। उन्हें खोजने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासनिक टीमें लगातार रेस्क्यू अभियान चला रही हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से आपदा प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को रेस्क्यू कार्य में तेजी लाने और प्रभावित परिवारों तक राहत पहुँचाने के निर्देश दिए। सहस्रधारा के मजाड़ा गांव में तीन से चार लोग मलबे में दबे होने की आशंका है। यहां डॉग स्क्वॉड की मदद से तलाश जारी है।
आपदा ने दून घाटी के बुनियादी ढांचे को गहरे जख्म दिए हैं। कई सड़कें और आठ पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। देहरादून–पांवटा राष्ट्रीय राजमार्ग पर नंदा की चौकी के पास पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। लोक निर्माण विभाग के मुताबिक इसे ठीक करने में चार से छह महीने का समय लग सकता है। तब तक 50 से 60 मीटर ऊपर एक वैकल्पिक मार्ग बनाया जाएगा।
वहीं मसूरी–देहरादून मार्ग पर शिव मंदिर के पास बैली ब्रिज तैयार कर छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी गई है। इससे पर्यटकों और स्थानीय लोगों को राहत मिली है। हालांकि कई मार्ग 36 घंटे बाद भी बंद हैं और विभाग अस्थायी डायवर्जन बनाने में जुटा है।
आपदा से जिले की सड़कों को 42 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। विभाग फिलहाल अस्थायी मरम्मत पर काम कर रहा है, जिसके बाद स्थायी निर्माण शुरू होगा।
इसी बीच सचिव पेयजल शैलेश बगौली ने घोषणा की कि 19 सितंबर तक राजधानी के सभी आपदाग्रस्त इलाकों में पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी जाएगी। वर्तमान में 2.35 लाख से अधिक की आबादी प्रभावित है। इसके लिए विभागीय हेल्पलाइन 18001804100 और 1916 जारी की गई है।
