
मुख्य सचिव ने ऋषिकेश-डोईवाला रेलवे बाईपास के लिए राजाजी नेशनल पार्क, रेलवे और डीएफओ की संयुक्त टीम से शीघ्र सर्वेक्षण कराने के निर्देश दिए। साथ ही वाइल्ड लाइफ और फॉरेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया जल्द शुरू करने पर जोर दिया। उन्होंने हर्रावाला रेलवे स्टेशन के विस्तारीकरण कार्य में तेजी लाने हेतु रेलवे, वन और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम से सर्वे जल्द पूर्ण करने को कहा।
बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि महाकुंभ 2033 से पहले हरिद्वार-देहरादून रेलवे लाइन को डबल लेन किया जाना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए भी क्लीयरेंस प्रक्रिया तत्काल शुरू करने और रेलवे से कुंभ मेला 2033 के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट सर्कुलेशन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशनों की फेसलिफ्टिंग योजना में ऋषिकेश और हरिद्वार को प्राथमिकता से शामिल किया जाए।
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि कुंभ 2027 की तैयारियों के लिए रेलवे से एक मेला अधिकारी नामित किया जाए, ताकि बैठकों में बेहतर समन्वय स्थापित हो सके। रेलवे और राज्य सरकार के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए एक ठोस मैकेनिज्म तैयार करने पर भी जोर दिया गया।
बैठक में पूरे राज्य के लिए एक व्यापक मोबिलिटी प्लान तैयार करने पर चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि अगले 50 वर्षों को ध्यान में रखते हुए सभी यातायात साधनों और विकल्पों को शामिल कर एक दूरदर्शी योजना बनाई जाए।
डीआरएम संग्रह मौर्य ने जानकारी दी कि देहरादून-मसूरी रेलवे प्रोजेक्ट का प्राथमिक सर्वे पूरा हो चुका है और जल्द ही फाइनल लोकेशन सर्वे शुरू होगा। उन्होंने बताया कि सहारनपुर-देहरादून प्रोजेक्ट का फाइनल लोकेशन सर्वे भी गतिमान है। साथ ही, हर्रावाला रेलवे स्टेशन की डीपीआर स्वीकृत हो चुकी है और अब प्रोजेक्ट की अंतिम स्वीकृति शेष है।
बैठक में तय किया गया कि रेलवे और राज्य सरकार मिलकर महत्वपूर्ण परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाएंगे, ताकि प्रदेश की कनेक्टिविटी और यातायात व्यवस्थाएं आने वाले वर्षों की जरूरतों को पूरा कर सकें।