
देहरादून के गुरु नानक कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज़ एंड हॉस्पिटल में सोमवार को विश्व फिजियोथेरेपी दिवस बड़े ही उत्साह और जोश के साथ मनाया गया। पैरामेडिकल विभाग द्वारा आयोजित इस विशेष कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि रहे डॉ. भरत मेहरा (वाइस प्रेसिडेंट, उत्तराखंड फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन एवं जनरल सेक्रेटरी, IAP उत्तराखंड शाखा), डॉ. आर. अरुणमोझी (सीनियर फिजियोथेरेपिस्ट, SBS विश्वविद्यालय, देहरादून), प्रो. डॉ. मोहम्मद असलम और कॉलेज के निदेशक डॉ. एस. दुरैवेल।
मुख्य अतिथि डॉ. मेहरा का स्वागत निदेशक डॉ. एस. दुरैवेल ने पुष्पगुच्छ और मोमेंटो भेंट कर किया। अपने संबोधन में डॉ. मेहरा ने कहा कि फिजियोथेरेपी केवल पुनर्वास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह निवारण, जागरूकता और स्वास्थ्य सशक्तिकरण का एक प्रभावी माध्यम है। उन्होंने छात्रों को फिजियोथेरेपी में आने वाले बदलाव, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, लेज़र टेक्नोलॉजी और एक्सरसाइज थेरेपी जैसे आधुनिक पहलुओं पर मार्गदर्शन दिया। साथ ही उन्होंने बताया कि गुरु नानक कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज़ एंड हॉस्पिटल को IAP की मान्यता पहले ही प्रयास में प्राप्त होना संस्था के लिए गर्व की उपलब्धि है।
कार्यक्रम में छात्रों ने नृत्य, गायन, भाषण और नुक्कड़ नाटक जैसे सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से माहौल को जीवंत कर दिया। विशेष वक्ता डॉ. आर. अरुणमोझी ने “हेल्दी एजिंग” विषय पर व्याख्यान दिया और कहा कि स्वस्थ वृद्धावस्था केवल शारीरिक फिटनेस तक सीमित नहीं है, बल्कि मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक संतुलन भी आवश्यक है।
कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. निधि चटर्जी ने अतिथियों का सम्मान कर आभार व्यक्त किया। सीईओ श्री भूपिंदर सिंह ने कहा कि छात्रों की ऊर्जा और समर्पण यह साबित करता है कि भविष्य में कॉलेज फिजियोथेरेपी शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहेगा। सीओओ श्रीमती विनीत अरोड़ा ने कहा कि ऐसे आयोजन छात्रों की प्रोफेशनल और पर्सनल स्किल्स को निखारने का मंच प्रदान करते हैं। सीएसओ श्री सैथजीत सिंह ने छात्रों में दिख रही जागरूकता को संस्था की प्रगति का प्रतीक बताया।
रजिस्ट्रार डॉ. ललित कुमार ने कहा कि कॉलेज का उद्देश्य छात्रों को केवल एकेडमिक ही नहीं, बल्कि क्लिनिकल और व्यवहारिक रूप से भी सशक्त बनाना है। निदेशक डॉ. एस. दुरैवेल ने कहा कि संस्था गुणवत्ता और नैतिकता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
कार्यक्रम के अंत में सीईओ भूपिंदर सिंह ने फैकल्टी और छात्रों के साथ केक काटकर दिवस का उत्सव मनाया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में फैकल्टी और विद्यार्थियों का विशेष योगदान रहा। यह आयोजन छात्रों में जागरूकता बढ़ाने और उनके आत्मविश्वास को मजबूत करने की दिशा में एक प्रेरणादायी पहल साबित हुआ।