
उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत एक बार फिर सुर्खियों में हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में उन्होंने सनसनीखेज दावा किया कि भाजपा को चलाने के लिए खनन माफिया के पैसे से 30 करोड़ रुपये की एफडी बनाई गई। हरक सिंह ने यह भी कहा कि उन्होंने खुद उस एफडी में एक करोड़ रुपये दिए थे।
वायरल वीडियो में हरक सिंह कहते नजर आ रहे हैं, “भाजपा को चलाने के लिए जो 30 करोड़ की एफडी बनी है, उसमें मैंने भी योगदान दिया। उस वक्त मैं वन मंत्री था और खनन माफिया से लाकर पैसा दिया।” उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इस मामले में उनकी भी जांच होनी चाहिए।
पूर्व मंत्री ने कहा, “ईडी अगर ईमानदारी से जांच करे तो पूरी भाजपा जेल में होगी। मैंने खुद रामनगर और हल्द्वानी में खनन ठेकेदारों से कहा था कि 10-10 लाख के चेक लाओ।” उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान भाजपा सरकार खनन नीति पर डंका पीट रही है, लेकिन खनन पट्टों का आवंटन सही तरीके से नहीं हो रहा। रावत ने खनन पट्टों के आवंटन को ऊधमसिंह नगर में लूट बताया। उनका कहना है कि वह खनन के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन खनन तकनीकी तरीके से होना चाहिए ताकि आसपास की बस्तियों को नुकसान न पहुंचे।
हरक सिंह रावत ने खनन नीति की तुलना पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के कार्यकाल में ऋषिकेश की कथित भूमि आवंटन नीति से की। उन्होंने कहा कि अगर ईडी खनन पट्टों की जांच करे तो सरकार भी फंस जाएगी।
यह बयान ऐसे समय आया है जब हरक सिंह ने हाल ही में सीबीआई और ईडी की जांच में क्लीन चिट मिलने का दावा किया था। कांग्रेस भवन में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला बोला और कहा कि खनन पर पारदर्शिता के नाम पर बड़ा खेल हो रहा है।