
उत्तराखंड के लैंसडौन से जुड़े परिवार के लिए गुरुवार का दिन दुख और सदमे से भरा रहा। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में मचैल माता मंदिर में पूजा करने गई दीपा अग्रवाल (50) और उनकी जेठानी नीता अग्रवाल अचानक बादल फटने की भयंकर घटना का शिकार हो गईं। दीपा अग्रवाल लैंसडौन की निवासी थीं और उनके पति संदीप अग्रवाल, बेटे दक्ष अग्रवाल (16) के साथ मंदिर दर्शन के लिए गए थे।
सूत्रों के अनुसार, पूरा परिवार मंदिर में पूजा करने के बाद वहां लगे लंगर में बैठा था। तभी अचानक भारी बारिश और बादल फटने से आए सैलाब की चपेट में दीपा और उनकी जेठानी आ गईं। जेठ अशोक अग्रवाल और बेटा दक्ष अग्रवाल किसी तरह सुरक्षित रहे। घटना की जानकारी मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। दीपा और नीता के शव बरामद हो गए, जिससे परिवार और आसपास के लोग गहरे सदमे में हैं। लैंसडौन में उनके मायके और ऊधम सिंह नगर में ससुराल में शोक का माहौल है। लोग पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाने पहुंच रहे हैं।
दीपा अग्रवाल के भाई, व्यापार मंडल लैंसडौन के सचिव मोहित गुप्ता ने बताया कि परिवार मंदिर में दर्शन और लंगर का आनंद ले रहा था, तभी अचानक आने वाली बाढ़ ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। उन्होंने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, जिसने परिवार की खुशियों को पल भर में खत्म कर दिया।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने राहत कार्य शुरू किया और प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान की। स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि किश्तवाड़ जिले में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं की संभावना बनी हुई है, इसलिए सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। यह हादसा राज्य और केंद्र दोनों प्रशासन के लिए चेतावनी भी है कि पर्वतीय और संवेदनशील क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन और बचाव कार्य को और मजबूत किया जाए। इस दुखद घटना ने एक बार फिर प्राकृतिक आपदाओं की भयावहता को उजागर किया और परिवारों को सतर्क रहने की सीख दी।