
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार को भारी बारिश के बाद बादल फटने से धराली गांव में भारी तबाही मच गई। जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित खीरगंगा के ऊपर बादल फटने से अचानक आए सैलाब ने पूरे इलाके को तहस-नहस कर दिया। इस आपदा में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि करीब 70 लोग लापता बताए जा रहे हैं। सेना, एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मंगलवार दोपहर करीब 1:50 बजे खीरगंगा के ऊपर अचानक बादल फटा और मात्र 20 सेकंड में सैलाब ने धराली का मुख्य बाजार अपनी चपेट में ले लिया। लोग जान बचाने के लिए भागे, लेकिन कई लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। कई घर, होटल, दुकानें, और सेब के बागान मलबे में दब गए। प्रसिद्ध कल्पकेदार मंदिर भी इस तबाही में मलबे के साथ बह गया।
धराली गांव के चारों ओर भयानक मंजर पसरा हुआ है। जिला प्रशासन के अनुसार, देर शाम तक करीब 130 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका था। 30 से अधिक होटल, दुकानें और मकान या तो बह गए या पूरी तरह से जमींदोज हो चुके हैं। गांव के पास स्थित सेना का कैंप भी सैलाब की चपेट में आ गया है और कुछ जवानों के भी लापता होने की आशंका जताई जा रही है। नदी किनारे बना हेलिपैड भी बह गया है।
हर्षिल घाटी में मंगलवार को तीन स्थानों पर बादल फटने की सूचना है, लेकिन सबसे ज्यादा तबाही धराली में हुई। इस आपदा के बाद राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने हालात पर लगातार नजर बनाए रखी है। मुख्यमंत्री कार्यालय से स्थिति की समीक्षा की जा रही है और रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। स्थानीय प्रशासन, सेना और राहत एजेंसियां मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही हैं। इलाके में संचार सेवाएं बाधित हैं और कई सड़कें भी बह चुकी हैं, जिससे राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं। पूरे क्षेत्र में भय और निराशा का माहौल है।